पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग, पंगवाल एकता मंच ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के दूरदराज क्षेत्र पांगी के लोगों ने एक बार फिर अलग विधानसभा क्षेत्र बनाने की पुरजोर मांग उठाई है। इस मुद्दे को लेकर पंगवाल एकता मंच ने हाल ही में मुख्यमंत्री और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा।
पांगी भरमौर से भौगोलिक रूप से अलग
पंगवाल एकता मंच के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि पांगी पहले से ही 1952 से 1966 तक अलग विधानसभा क्षेत्र था। लेकिन 1966 के बाद हुए डिलीमिटेशन में इसे भरमौर विधानसभा क्षेत्र में शामिल कर दिया गया। उन्होंने बताया कि पांगी भौगोलिक, सांस्कृतिक और वेशभूषा की दृष्टि से भी भरमौर से बिल्कुल अलग है।

पांगी का क्षेत्रफल और जनसंख्या
त्रिलोक ठाकुर ने जानकारी दी कि पांगी का क्षेत्रफल 1595 वर्ग किलोमीटर है, जो कई जिलों से बड़ा है। यहां 20 पंचायतों में करीब 25,000 से 30,000 की जनसंख्या निवास करती है। ऐसे में पांगी के लिए अलग विधानसभा क्षेत्र का होना जरूरी है, ताकि यहां की जनता को अपने अधिकारों के लिए उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।
2026 के पुनर्सीमांकन में अलग विधानसभा क्षेत्र की मांग
पंगवाल एकता मंच ने 2026 में होने वाले पुनर्सीमांकन में पांगी को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मंच 2021 से इस मुद्दे पर काम कर रहा है और अब तक यह मांग पूरी नहीं हुई है। मंच ने इस मांग को लोकतांत्रिक तरीके से उठाया है और उम्मीद जताई कि इसे गंभीरता से लिया जाएगा।
अलग रुख अपनाने की चेतावनी
त्रिलोक ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार इस मुद्दे पर ध्यान नहीं देती है, तो मंच को कड़ा कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पांगी की जनता को न्याय दिलाने के लिए मंच हर संभव प्रयास करेगा।
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