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पौड़ी महोत्सव 2024: नरेंद्र सिंह नेगी और अनिल बिष्ट के गीतों पर झूमे दर्शक, सांस्कृतिक रंग में रंगा रामलीला मैदान

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Hillstime श्रीनगर: पौड़ी महोत्सव 2024 के समापन समारोह ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को एक बार फिर जीवंत कर दिया। इस मौके पर प्रसिद्ध लोकगायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी और लोक गायक अनिल बिष्ट की शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

नेगी और बिष्ट की प्रस्तुतियों ने बिखेरा जादू

महोत्सव की शुरुआत “जय हो कंडोलिया ठाकुर” गीत के साथ हुई, जिसने माहौल को धार्मिक और सांस्कृतिक रंग से भर दिया। इसके बाद अनिल बिष्ट के लोकप्रिय गीत “ऐजा हे भानुमति” पर दर्शक थिरकने पर मजबूर हो गए।
समापन के मौके पर जैसे ही नरेंद्र सिंह नेगी ने मंच पर अपनी प्रस्तुति दी, रामलीला मैदान तालियों की गूंज से भर गया। उनके गीत “फ्योंलाड़ा” और “घुघूती घुरोंण लगी” ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

प्रियंका मेहर ने भी बांधा समां

पिछले दिनों महोत्सव में लोकगायिका प्रियंका मेहर ने हिंदी, गढ़वाली और कुमाऊंनी गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके गीत “ढाई हाथ धमेली,” “धना-धना रे,” और “बेड़ू पाको बारामासा” को दर्शकों ने खूब सराहा।

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सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का प्रयास

गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि “पौड़ी की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने और बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन बेहद महत्वपूर्ण हैं।” उन्होंने आयोजन के लिए आयोजकों और दर्शकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि यहां के श्रोताओं से उन्हें विशेष ऊर्जा मिलती है।

व्यापार सभा का योगदान

व्यापार सभा के सचिव देवेंद्र रावत ने महोत्सव को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया और बताया कि भविष्य में ऐसे और भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

महोत्सव की खास बातें

  • गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी और अनिल बिष्ट की लाइव प्रस्तुतियां
  • प्रियंका मेहर के गढ़वाली, कुमाऊंनी और हिंदी गीतों का जादू
  • दर्शकों की भारी भीड़ और आयोजन की सफलता

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