बड़ी खबर: हरक सिंह रावत की करीबी दमयंती रावत सस्पेंड, गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप

www.hillstime.in देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं अन्य श्रम निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की पूर्व सचिव दमयंती रावत को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है। श्रम विभाग की संस्तुति पर श्रम सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने यह कार्रवाई की। दमयंती रावत पर कई गंभीर आरोप हैं, जिनमें 250 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च और साइकिल घोटाले का जिक्र किया गया है।

मुख्य बिंदु:
- सस्पेंशन की प्रक्रिया:
- श्रम विभाग ने दमयंती रावत के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी।
- सिफारिश को शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के माध्यम से श्रम सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के पास भेजा गया, जिन्होंने इसे मंजूरी दी।
- वित्तीय अनियमितताओं के आरोप:
- दमयंती रावत पर बोर्ड के कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताएं करने के आरोप हैं।
- त्रिवेंद्र सरकार के दौरान हरक सिंह रावत श्रम मंत्री थे, और उसी समय दमयंती रावत शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर बोर्ड की सचिव बनी थीं।
- घोटाले और विवाद:
- उनके कार्यकाल के दौरान बोर्ड पर कई घोटालों के आरोप लगे, जिनमें 250 करोड़ रुपये से अधिक के खर्च और साइकिल घोटाले की बात शामिल है।
- बोर्ड ने बिना ईएसआई के कार्यदायी संस्था ब्रिज एंड रूफ को कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के नाम पर 20 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था।
- जांच रिपोर्ट:
- इस विवाद को लेकर अपर सचिव वी षणमुगम की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई गई थी।
- समिति ने अपनी रिपोर्ट में बोर्ड की भूमिका पर सवाल उठाए और कई लोगों पर कार्रवाई की सिफारिश की।
- हालांकि, अब तक रिपोर्ट की संस्तुतियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी।
- दमयंती रावत का निलंबन:
- श्रम सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने दमयंती रावत को सस्पेंड करने की सिफारिश मंजूर कर दी।
- यह कार्रवाई बोर्ड में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।

निष्कर्ष:
इस सस्पेंशन ने उत्तराखंड भवन एवं अन्य श्रम निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में लंबे समय से चल रहे विवादों और आरोपों को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। दमयंती रावत पर उठे सवाल सरकार के सामने जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की चुनौती पेश करते हैं।