नॉन स्मोकर्स में तेजी से बढ़ रहे लंग कैंसर के मामले, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान – www.hillstime.in

भारत में धूम्रपान के खिलाफ जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन इसके बावजूद लंग कैंसर (Lung Cancer) के मामले नॉन-स्मोकर्स में भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि ऐसे मामलों के पीछे वायु प्रदूषण (Air Pollution) मुख्य कारण बनकर उभरा है। आइए, www.hillstime.in पर जानते हैं, लंग कैंसर के बढ़ते मामलों की वजह, लक्षण, और बचाव के उपाय।
नॉन-स्मोकर्स में लंग कैंसर के बढ़ने की मुख्य वजहें
1. वायु प्रदूषण (Air Pollution)
- भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण लंग कैंसर का प्रमुख कारण है।
- AQI (Air Quality Index) का खराब स्तर, खासकर दिल्ली जैसे शहरों में, फेफड़ों पर गंभीर असर डालता है।
- PM 2.5 जैसे सूक्ष्म कण लंबे समय तक संपर्क में रहने से फेफड़ों के सेल्स को प्रभावित करते हैं।
2. एडेनोकार्सिनोमा का खतरा
- नॉन-स्मोकर्स में लंग कैंसर का एक प्रकार एडेनोकार्सिनोमा तेजी से फैल रहा है।
- यह फेफड़ों की बाहरी परत से शुरू होकर पूरे हिस्से को प्रभावित करता है।
3. पैसिव स्मोकिंग
- धूम्रपान करने वालों के आसपास रहने से भी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से फेफड़ों और दिल को नुकसान हो सकता है।
4. अन्य कारण
- रेडॉन गैस, पारिवारिक इतिहास, और पार्टिकुलेट मैटर के लंबे समय तक संपर्क में रहना भी लंग कैंसर के लिए जिम्मेदार है।

लंग कैंसर के सामान्य लक्षण
लंग कैंसर के लक्षणों को समय रहते पहचानना जरूरी है। इनमें शामिल हैं:
- लगातार खांसी आना।
- सांस फूलना।
- सीने या कंधे में दर्द।
- मुंह से खून आना।
- थकान महसूस होना।
- जोड़ों में दर्द।
- खाना निगलने में कठिनाई।

बचाव के उपाय
1. वायु प्रदूषण से बचाव करें
- घर से बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करें।
- एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और वायु गुणवत्ता के बारे में सतर्क रहें।
2. पैसिव स्मोकिंग से बचें
- धूम्रपान करने वालों के संपर्क से दूर रहें।
- ऐसे स्थानों से बचें जहां सिगरेट का धुआं हो।
3. हेल्थ चेकअप कराएं
- यदि आप किसी जोखिम वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो समय-समय पर फेफड़ों की जांच कराएं।
- शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

वायु प्रदूषण और कैंसर के बीच सीधा संबंध – www.hillstime.in
एक हालिया अध्ययन के अनुसार, भारत में लंग कैंसर के मामलों में वायु प्रदूषण की बड़ी भूमिका है। नॉन-स्मोकर्स भी इसके शिकार हो रहे हैं, खासकर दिल्ली और अन्य महानगरों में। www.hillstime.in पर स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ी अन्य जानकारी पढ़ें।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
अधिक जानकारी के लिए विजिट करें www.hillstime.in।