हाई कोर्ट ने हिमाचल सरकार को लगाई फटकार, IGMC ट्रॉमा सेंटर शुरू न करने पर जताया खेद

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला में ट्रॉमा सेंटर शुरू न करने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। www.hillstime.in के मुताबिक, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सत्येंद्र की डबल बेंच ने ट्रॉमा सेंटर में खाली पदों की स्थिति को खेदजनक बताया है।
237 कर्मचारियों की आवश्यकता, सिर्फ 44 तैनात:
कोर्ट को सूचित किया गया कि ट्रॉमा सेंटर में 237 पदों की जरूरत है, जिनमें से 179 पद स्वीकृत हुए हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 44 कर्मचारियों की तैनाती हुई है।

सरकार ने दिया स्टाफ भरने का आश्वासन:
सुनवाई के दौरान, प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) ने अदालत को आश्वासन दिया कि नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के पद 31 जनवरी, 2025 तक भरे जाएंगे, जबकि शेष स्टाफ को 31 मार्च, 2025 तक तैनात किया जाएगा। इस बयान को रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 2 जनवरी, 2025 को निर्धारित की गई है, जब प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करनी होगी।
मशीनरी और उपकरणों की खरीद पर जोर:
कोर्ट ने सरकार को कैंसर अस्पताल के लिए एमआरआई और पीईटी स्कैन मशीन जैसी आवश्यक मशीनरी खरीदने के निर्देश दिए हैं। अदालत को उम्मीद है कि अगली सुनवाई तक इन उपकरणों की खरीद प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
चमियाणा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पर भी नजर:
हाई कोर्ट ने चमियाणा में 100 करोड़ रुपये की लागत से बने अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ओपीडी शुरू न होने पर भी कड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने शपथ पत्र के जरिए सरकार से ओपीडी संचालन की तैयारियों का विवरण मांगा है। अगली सुनवाई 9 दिसंबर, 2024 को होगी, जहां स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को व्यक्तिगत शपथ पत्र दायर करने के निर्देश दिए गए हैं।
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