IGMC में सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरी खतरे में, सुक्खू सरकार पर नेता प्रतिपक्ष का हमला

शिमला: प्रदेश में नौकरियों को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरियां छीनने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नए साल के साथ सरकार की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया है। आईजीएमसी से सैकड़ों कर्मचारियों को निकालने की तैयारी की खबरें चिंताजनक हैं।

मुख्य बिंदु:
- सुक्खू सरकार पर गंभीर आरोप:
- जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार जनहितकारी कार्यों के बजाय लोगों की नौकरियां छीनने में व्यस्त है।
- पिछले दो सालों में 2,000 से अधिक संस्थानों को बंद किया गया।
- डेढ़ लाख पद समाप्त कर 15,000 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाला गया।
- चुनावी वादों पर सवाल:
- कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा गया कि हर साल 1 लाख नौकरियां देने की गारंटी झूठी साबित हुई।
- सत्ता में आने के बाद सरकार ने गारंटियों के विपरीत कार्य किया।
- आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा:
- बेहद कम मेहनताने पर काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी छीनना अमानवीय है।
- जयराम ठाकुर ने पूछा कि ऐसे परिवारों का गुजारा कैसे होगा और सेवाओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
- जनता के सवाल:
- क्या सरकार का पूरा कार्यकाल केवल संस्थान बंद करने और नौकरियां खत्म करने में ही बीतेगा?
- क्या सरकार जनहित और रोजगार सृजन जैसे दायित्वों को भूल चुकी है?
- नेता प्रतिपक्ष की अपील:
- सरकार से आग्रह किया गया है कि वह कल्याणकारी राज्य के रूप में कार्य करे।
- बिना सोचे-समझे निर्णय लेने के बजाय जनता और कर्मचारियों के हितों को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष:
प्रदेश में रोजगार का मुद्दा दिनोंदिन गंभीर होता जा रहा है। जयराम ठाकुर ने सरकार से अपील की है कि वह ऐसे फैसले लेने से बचे जो जनता और कर्मचारियों के लिए हानिकारक हों।
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