जलजनित बीमारियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए सोलन नगर निगम और जलशक्ति विभाग ने पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं।

नगर निगम ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों से पानी के सैंपल एकत्र कर उनकी लैब में जांच करवाई। जलशक्ति विभाग भी जल योजनाओं से पानी के सैंपल ले रहा है, जहां से शहर में पानी की आपूर्ति होती है। जलशक्ति विभाग के सहायक अभियंता एन. सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अश्वनी खड्ड से लिए गए पानी के सैंपल में दूषित पानी पाया गया। हालांकि, इस पानी को शुद्ध करने के बाद जब शहर को सप्लाई किया गया, तो जांच में इसे पूरी तरह स्वच्छ और पीने योग्य पाया गया।
सुरक्षित है सोलन का पेयजल:
विभाग ने स्पष्ट किया है कि सोलन के घरों में पहुंचने वाला पानी पूरी तरह सुरक्षित है और नियमित रूप से इसकी जांच की जा रही है। दूषित पानी की सप्लाई को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। नगर निगम और जलशक्ति विभाग मिलकर जगह-जगह से सैंपल एकत्र कर रहे हैं ताकि पानी की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखी जा सके।
शहरवासियों के लिए एडवाइजरी जारी:
शहरवासियों को सलाह दी गई है कि संक्रमण से बचाव के लिए पानी को हमेशा उबालकर या फिल्टर करके ही उपयोग करें। इसके अलावा, घरों के पानी के टैंकों को नियमित रूप से साफ करने और खुले में रखे पानी का उपयोग न करने की भी अपील की गई है। नगर निगम ने लोगों से कहा है कि यदि कहीं दूषित पानी की सप्लाई या लीकेज की समस्या हो, तो तुरंत संबंधित विभाग को सूचना दें।
स्वास्थ्य विभाग भी हुआ सक्रिय:
स्वास्थ्य विभाग ने भी पीलिया और डायरिया के मामलों को नियंत्रित करने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। ये टीमें प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर लोगों को स्वच्छता और सुरक्षित पेयजल के महत्व को समझा रही हैं।
जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए सावधानी जरूरी:
नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया जाएगा। स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभाग सतर्क हैं।