राज्यसभा सभापति के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव: 60 सांसदों के हस्ताक्षर

नई दिल्ली। राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। नोटिस पर 60 सांसदों के हस्ताक्षर हैं और इसे राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को सौंपा गया। इस मामले से जुड़े मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

अविश्वास प्रस्ताव के मुख्य बिंदु
- विपक्ष के आरोप
- कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सभापति जगदीप धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया है।
- कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश ने इसे विपक्ष के पास अंतिम विकल्प बताया।
- सहयोगी दल
- कांग्रेस को आरजेडी, टीएमसी, सीपीआई, सीपीआई (एम), जेएमएम, आप और डीएमके का समर्थन मिला है।
- कुल 60 सांसदों ने नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं।
- संविधान के नियम
- संविधान के अनुच्छेद 67(बी) के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है।
- प्रस्ताव पारित करने के लिए राज्यसभा के तत्कालीन सदस्यों का बहुमत और लोकसभा की सहमति आवश्यक है।
- 14 दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य है।
- सदन का गणित
- सत्तापक्ष के पास राज्यसभा में बहुमत है, जिससे प्रस्ताव के पारित होने की संभावना नगण्य है।
- मानसून सत्र के दौरान भी ऐसा प्रस्ताव लाने की योजना थी, लेकिन इसे टाल दिया गया था।
निष्कर्ष
यह अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष की नाराजगी का प्रतीक है, लेकिन सदन में सत्तापक्ष के बहुमत को देखते हुए इसका पारित होना असंभव माना जा रहा है।