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प्रदेश की सात महिलाओं को मिला इनोवेटिव महिला उद्यमी पुरस्कार

women entrepreneur award himachal pradesh

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (एटीएआरआई) जोन-1 लुधियाना द्वारा आयोजित स्थापना दिवस समारोह के दौरान राज्य की सात महिला कृषि-उद्यमियों को इनोवेटिव महिला उद्यमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन महिलाओं को कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) द्वारा समर्थित किया गया था। यह सम्मान कृषि, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन के क्षेत्र में उनके नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को मान्यता देने के रूप में दिया गया है।

सम्मान पाने वाली महिलाओं में चंबा, शिमला, सोलन और लाहौल-स्पीति के कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा समर्थित महिला किसान शामिल हैं। इन महिलाओं ने अपने क्षेत्र में कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग, और विपणन में उल्लेखनीय योगदान दिया है, जिससे न केवल उनके स्थानीय समुदायों को फायदा हुआ, बल्कि कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार आया है।

चंबा की अंजलि कुमारी, रीतू देवी और बबली कुमारी को उनके अभिनव प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया। अंजलि कुमारी ने पांगी हिल्स एफपीओ के तहत विभिन्न उत्पादों की सफलतापूर्वक ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन किया। उनके उत्पादों में प्राकृतिक वन उत्पाद, जड़ी-बूटियां, सुपरफूड, बॉडी केयर उत्पाद, कृषि सामान, ऊनी और सूती कपड़े, और कला एवं शिल्प उत्पाद शामिल हैं। वहीं, रीतू देवी आस्था स्वयं सहायता समूह के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण का कार्य करती हैं और उनके प्रमुख उत्पादों में चंबा ग्रीन चुख, चंबा रेड चुख और विभिन्न प्रकार के घर के बने अचार शामिल हैं। बबली कुमारी उच्च गुणवत्ता वाले जूट-आधारित उत्पादों का उत्पादन और विपणन करती हैं।

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सोलन की पिंकी देवी पिछले चार वर्षों से प्राकृतिक खेती कर रही हैं। इसके अलावा, वह एक प्राकृतिक उत्पाद संसाधन भंडार भी संचालित करती हैं और मिलेट्स आधारित खाद्य उत्पाद भी बनाती हैं। कवराग की आरती शांडिल ने मशरूम की खेती में सफलता प्राप्त की है और 7-8 महिलाओं को रोजगार प्रदान कर रही हैं।

लाहौल और स्पीति की चेरिंग बुटिथ को उनके सीबकथोर्न उद्योग के लिए पहचान मिली है, जबकि शिमला की डा. दिव्या शर्मा को नेचरस अपनी ऊर्जा नामक कंपनी के तहत फलों और वन उत्पादों के खाद्य प्रसंस्करण के लिए सम्मानित किया गया।

इस सम्मान के साथ-साथ केवीके शिमला की डा. उषा शर्मा को सेब की खेती में वैज्ञानिक मॉडल विकसित करने के लिए प्रदर्शन उत्कृष्टता पुरस्कार से नवाजा गया। इन महिलाओं के प्रयासों ने न केवल कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दिया है, बल्कि उन्होंने अपने समुदायों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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