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अब नहीं दरकेंगे पहाड़: सोलन से केथलीघाट एनएच-5 पर स्लोप प्रोटेक्शन का कार्य शुरू

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सोलन: एनएच-5 पर पहाड़ों को दरकने से रोकने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए स्लोप प्रोटेक्शन का कार्य शुरू कर दिया है। इस परियोजना के तहत, सोलन से केथलीघाट के बीच 42 जगहों पर स्लोप प्रोटेक्शन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इस कार्य का उद्देश्य पहाड़ों से मिट्टी और पत्थरों के गिरने को रोकना और सडक़ की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

स्लोप प्रोटेक्शन की प्रक्रिया

  1. ड्रिलिंग का कार्य: सबसे पहले पहाड़ों पर ड्रिलिंग की जा रही है।
  2. शीट लेयरिंग: ड्रिलिंग के बाद शीट की लेयर चढ़ाई जाएगी।
  3. जाली लगाना: पत्थरों और मिट्टी को रोकने के लिए जाली लगाई जाएगी।
  4. मलबा रोकने की तकनीक: यदि मिट्टी या पत्थर गिरते भी हैं, तो वे जाली के अंदर ही रुक जाएंगे, जिससे सडक़ पर मलबा नहीं गिरेगा।
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ड्रोन से किया गया सर्वेक्षण

एनएचएआई ने इस परियोजना के लिए पहले ड्रोन सर्वेक्षण करवाया था। इस सर्वे के आधार पर पहाड़ों के कमजोर हिस्सों की पहचान की गई और प्राथमिकता के आधार पर कार्य शुरू किया गया। यह कार्य आने वाले दो वर्षों में पूरा होने की योजना है।

फोरलेन से मिली सुविधा

फोरलेन के निर्माण के बाद यात्रियों को न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि सफर भी सुगम हो गया है। फ्लाईओवर बनने से गाडिय़ां बिना रुकावट के गुजर रही हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या भी कम हुई है।

कंडाघाट में रेलवे ओवरब्रिज का कार्य जारी

इस बीच, कंडाघाट में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। हालांकि, अभी इसके डिजाइन की स्वीकृति नहीं मिली है, लेकिन पिलर निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

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प्रोजेक्ट डायरेक्टर की जानकारी

प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनंत कुमार ने बताया कि पहाड़ों को दरकने से रोकने के लिए स्लोप प्रोटेक्शन कार्य प्राथमिकता पर किया जा रहा है। वर्तमान में ड्रिलिंग का कार्य चल रहा है, और शीघ्र ही अन्य प्रक्रियाएं शुरू होंगी।

निष्कर्ष

एनएच-5 पर स्लोप प्रोटेक्शन का कार्य पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी राहत है। यह परियोजना न केवल सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेगी, बल्कि पहाड़ों की स्थिरता भी बनाए रखेगी।

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