स्ताद जाकिर हुसैन: ताजमहल से लेकर संगीत की दुनिया तक एक महान यात्रा

जैसे ही तबला वादन के उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन की खबर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुई, उनके प्रशंसकों में गहरा शोक व्याप्त हो गया। किसी ने उनकी तस्वीरें साझा कीं, तो किसी ने भावुक संदेशों के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने एकमत होकर कहा कि जाकिर हुसैन जैसे महान कलाकार केवल शरीर रूप से विदा होते हैं; उनकी कला सदैव जीवित रहती है।

प्रशंसकों की भावनाएं
- सरोस कौसर: “हमने संगीत की दुनिया का सर्वश्रेष्ठ चमकता सितारा खो दिया है। उनकी कला हमेशा उन्हें जीवित रखेगी।”
- धनवंतरी पाराशर: “उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। उनकी कला का प्रकाश संगीत की दुनिया में सदैव बना रहेगा।”
- अरुण चतुर्वेदी: “ईश्वर उनकी रूह को सुकून दे। हम उनकी कला के हमेशा कायल रहेंगे।”
- निवेदिता भट्टाचार्य: “अविश्वसनीय!” – इस भावुक कैप्शन के साथ उन्होंने उनकी तस्वीर साझा की।
ताजमहल के साए में यादगार प्रस्तुति
उस्ताद जाकिर हुसैन ने 15 जनवरी 2014 को ताजमहल के पास ताज नेचर वॉक में एक यादगार प्रस्तुति दी थी। इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था:
- “ताजमहल के साए में प्रस्तुति का मौका किस्मत वालों को ही मिलता है।”
- “यह एक रूमानियत भरी जगह है, और संगीत में भी रूमानियत का अपना मजा है।”
- “ताजमहल मोहब्बत की दास्तां कहता है।”

शास्त्रीय संगीत का अनमोल योगदान
उस्ताद जाकिर हुसैन ने हमेशा शास्त्रीय संगीत के महत्व को उजागर किया। उनके विचार:
- शास्त्रीय संगीत का भविष्य उज्ज्वल है: उन्होंने कहा था कि शास्त्रीय संगीत के श्रोता कभी कम नहीं होंगे।
- वैश्विक लोकप्रियता: लंदन में फ्रेंच और ब्रिटिश लोग भारतीय शास्त्रीय संगीत को सुनने आते हैं, जबकि बॉलीवुड के कार्यक्रमों में अधिकतर भारतीय ही शामिल होते हैं।
- नई पीढ़ी में रुचि: रियलिटी शो के माध्यम से युवाओं में सुर और ताल की समझ बढ़ रही है।
सूफी संगीत और शास्त्रीय परंपरा
उस्ताद जाकिर हुसैन ने सूफी संगीत को शास्त्रीय संगीत का हिस्सा बताते हुए कहा था:
- “ग़ज़ल, भजन, ठुमरी सभी शास्त्रीय संगीत पर आधारित हैं।”
- “सूफी संगीत को शास्त्रीय संगीत नहीं मानना, संगीत का अपमान है।”
- अमीर खुसरो द्वारा स्थापित हवेली संगीत और कव्वाली की परंपरा को उन्होंने आगे बढ़ाया।
रियलिटी शो पर सकारात्मक दृष्टिकोण
उस्ताद ने रियलिटी शो के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि यह संगीत की नई पीढ़ी को प्रेरित करता है। इससे सुर और ताल की समझ विकसित होती है और संगीत के प्रति रुचि बढ़ती है।
उस्ताद जाकिर हुसैन की उपलब्धियां और उनके विचार भारतीय संगीत की धरोहर हैं। उनकी कला और व्यक्तित्व सदैव संगीत प्रेमियों को प्रेरित करते रहेंगे।