एवरेस्ट विजेता बने उत्तराखंड के तीन NCC कैडेट्स, सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं

उत्तराखंड के तीन होनहार एनसीसी कैडेट्स ने माउंट एवरेस्ट की कठिन चढ़ाई को पूरा कर एक नया इतिहास रच दिया है। देहरादून, पौड़ी और उत्तरकाशी जिलों से ताल्लुक रखने वाले इन जांबाज युवाओं ने यह साबित कर दिया कि मजबूत हौसले और कठिन परिश्रम के बल पर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर भी फतह हासिल की जा सकती है। कैडेट वीरेंद्र सामंत, कैडेट मुकुल बंगवाल और कैडेट सचिन कुमार ने अपने अदम्य साहस और आत्मविश्वास से यह असंभव सा दिखने वाला कारनामा कर दिखाया।

🎖️ एनसीसी कैडेट्स की अद्भुत उपलब्धि
तीनों कैडेट्स उत्तराखंड एनसीसी बटालियन से संबंधित हैं:
- कैडेट वीरेंद्र सामंत – 29 उत्तराखंड एनसीसी, देहरादून
- कैडेट मुकुल बंगवाल – 4 उत्तराखंड एनसीसी, पौड़ी
- कैडेट सचिन कुमार – 3 उत्तराखंड एनसीसी, उत्तरकाशी
इन युवाओं ने सघर्षपूर्ण मौसम, अत्यंत कम तापमान और कम ऑक्सीजन जैसी विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराया। उनका यह अभियान न केवल व्यक्तिगत साहस का प्रतीक है, बल्कि पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गया है।
🙌 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दी बधाई
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन तीनों एनसीसी कैडेट्स को उनके इस ऐतिहासिक एवरेस्ट आरोहण पर बधाई दी। उन्होंने कहा,
“इनका साहस और समर्पण सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। इन्होंने एनसीसी की मूल भावना—अनुशासन, टीमवर्क और नेतृत्व—का वास्तविक रूप साकार कर दिखाया है।”
मुख्यमंत्री ने इस सफलता को उत्तराखंड के युवाओं की प्रतिभा और संकल्प का प्रतीक बताया और उम्मीद जताई कि आने वाले समय में और भी युवा ऐसे साहसिक कार्यों के लिए आगे आएंगे।
🏔️ कठिनाईयों के बावजूद हौसला नहीं टूटा
माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई को दुनिया की सबसे कठिन ट्रेकिंग में गिना जाता है। यहां ऑक्सीजन की कमी, बर्फीले तूफान और अत्यधिक ठंड जैसी कई चुनौतियां होती हैं। इन सबके बावजूद उत्तराखंड के इन तीनों कैडेट्स ने असीम धैर्य, साहस और अनुशासन के साथ यह कार्य पूरा किया।
🎯 युवाओं के लिए प्रेरणा
इन कैडेट्स की सफलता यह संदेश देती है कि यदि मन में दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और सही दिशा हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि यह उत्तराखंड और देश भर के युवाओं को सपने देखने और उन्हें साकार करने का हौसला भी देगी।
निष्कर्ष:
एनसीसी के इन तीनों कैडेट्स ने जिस तरह से माउंट एवरेस्ट की कठिन चढ़ाई कर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है, वह अत्यंत गौरव की बात है। उनकी यह सफलता युवा भारत के लिए प्रेरणा का काम करेगी और दिखाएगी कि हिम्मत और अनुशासन से हर चोटी मुमकिन है।