उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूसीसी, सीएम धामी ने दिए स्पष्ट संकेत

देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने की प्रक्रिया तेज हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नए साल पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह कानून देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और समाज में समानता लाने में सहायक होगा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि यूसीसी न केवल समान अधिकार सुनिश्चित करेगा, बल्कि राज्य के मूल स्वरूप को बनाए रखने में भी मदद करेगा।
मुख्य बिंदु:
- यूसीसी के कार्यान्वयन का ऐलान:
- मुख्यमंत्री ने नए साल की शुरुआत में राज्य में यूसीसी लागू करने का संकल्प दोहराया।
- उन्होंने इसे देवभूमि की संस्कृति और समरसता के लिए जरूरी कदम बताया।
- विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें:
- फरवरी 2024 में सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली समिति ने चार खंडों में यूसीसी का मसौदा प्रस्तुत किया।
- इसके बाद 7 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा में यह विधेयक पारित हुआ।
- राष्ट्रपति की मंजूरी:
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 मार्च को यूसीसी अधिनियम को मंजूरी देकर इसे कानूनी रूप दिया।
- उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां समान नागरिक संहिता लागू की गई है।
- यूसीसी का महत्व:
- मुख्यमंत्री धामी ने इसे समाज में समानता लाने और सभी नागरिकों को समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।
- यह कानून प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित करने में भी सहायक होगा।
- पिछला घटनाक्रम:
- यूसीसी विधेयक पारित होने के तुरंत बाद बनभूलपुरा क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।
- इसके बाद सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम को भी लागू किया गया।
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निष्कर्ष:
उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने से सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यह कानून न केवल समानता और न्याय को बढ़ावा देगा बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करेगा। मुख्यमंत्री धामी ने इसे एक ऐतिहासिक कदम करार दिया है।
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