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वाहनों की प्रदूषण जांच के बदले नियम: अब स्मार्टफोन से होगी जांच, वीडियो भी होगा रिकॉर्ड

PUC-Certificate

हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग में वाहनों की प्रदूषण जांच प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। विभाग ने हाल ही में प्रदूषण जांच केंद्रों के लिए वर्शन 2.0 को अपडेट किया है, जिससे अब प्रदूषण जांच की प्रक्रिया पहले से अधिक पारदर्शी और सख्त हो गई है। इस नए नियम के तहत अब वेब कैमरा की जगह स्मार्टफोन का उपयोग किया जाएगा। यह स्मार्टफोन प्रदूषण जांच मशीन से कनेक्ट रहेगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वाहन वास्तव में जांच केंद्र में लाया गया है या नहीं।

कैसे होगी नई प्रक्रिया?

नए नियमों के अनुसार, जब कोई वाहन प्रदूषण जांच के लिए केंद्र पर आएगा, तो उसकी फोटो ली जाएगी, साथ ही जांच केंद्र की भी तस्वीर ली जाएगी। इसके अलावा, 4 से 5 सेकंड का एक वीडियो भी बनाया जाएगा ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके। यह वीडियो रिकॉर्डिंग यह प्रमाणित करेगा कि वाहन केंद्र पर मौजूद था और उसकी प्रदूषण जांच सही तरीके से की गई।

इसके अतिरिक्त, अब प्रदूषण जांच केंद्रों पर लगाए गए मोबाइल कैमरे जियो टैगिंग सिस्टम से जुड़े रहेंगे। यदि कोई वाहन जांच केंद्र की निर्धारित सीमा से बाहर खड़ा होता है, तो उसकी प्रदूषण जांच नहीं की जाएगी और न ही उसे प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।

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पूरे प्रदेश में लागू हुआ नया वर्शन

परिवहन विभाग ने पूरे हिमाचल प्रदेश में इस नए वर्शन 2.0 को लागू कर दिया है। जिला सिरमौर में कुल 10 ऑनलाइन प्रदूषण जांच केंद्र पंजीकृत हैं, जो इस नई प्रणाली के तहत कार्य करेंगे।

बढ़ी हुई फीस का विवरण

नवंबर 2024 से विभिन्न वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र की फीस में भी वृद्धि की गई है। नई शुल्क दरें इस प्रकार हैं:

  • पेट्रोल/सीएनजी/एलपीजी चालित दोपहिया वाहन: ₹100 (₹80 + ₹20 ग्रीन टैक्स)
  • तिपहिया वाहन: ₹120 (₹100 + ₹20 ग्रीन टैक्स)
  • चौपहिया वाहन: ₹130 (₹100 + ₹30 ग्रीन टैक्स)
  • डीजल चालित वाहन: ₹150 (₹110 + ₹40 ग्रीन टैक्स)

विभागीय प्रतिक्रिया

आरटीओ सिरमौर सोना चौहान ने बताया कि हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग ने एनआईसी द्वारा विकसित प्रदूषण नियंत्रण सॉफ्टवेयर के वर्शन 2.0 को अपडेट कर दिया है। अब इसी अपडेटेड वर्शन के माध्यम से वाहनों की प्रदूषण जांच होगी।

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यह नया सिस्टम न केवल प्रदूषण जांच प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाएगा, बल्कि किसी भी तरह की धांधली को रोकने में भी मदद करेगा।

(www.hillstime.in के लिए विशेष रिपोर्ट)

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