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सोने का व्यापार शुरू कराने के नाम पर 40 लाख की साइबर ठगी, चंडीगढ़ से महिला गिरफ्तार

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देहरादून। उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। इसी कड़ी में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। एसटीएफ ने चंडीगढ़ से एक महिला साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने देहरादून की एक महिला को सोने का व्यापार शुरू कराने का झांसा देकर 40 लाख रुपये का चूना लगाया था। गिरोह की एक अन्य महिला सदस्य को एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

ऐसे रची गई थी ठगी की साजिश

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि देहरादून निवासी एक महिला ने मई 2025 में साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे वाट्सएप पर अमेरिका के नंबर से कॉल आई थी। कॉल करने वाली महिला ने खुद को एक सरकारी एजेंसी की अधिकारी बताया।

धीरे-धीरे बातचीत के दौरान आरोपी महिला ने पीड़ित का विश्वास जीत लिया। इसके बाद उसने सोने का व्यापार शुरू कराने का झांसा दिया और कहा कि इसके लिए कच्चा माल खरीदना होगा। कच्चे माल के नाम पर पीड़ित महिला से बार-बार पैसे ट्रांसफर कराए गए। इस तरह कई किस्तों में महिला ने आरोपी के बताए खातों में लगभग 40 लाख रुपये जमा करा दिए।

पूरे मामले में अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर, फर्जी प्रोफाइल और नकली पहचान का इस्तेमाल किया गया। आरोपी ने तकनीकी माध्यमों का इस्तेमाल कर पीड़िता को विश्वास दिलाया कि उसका पैसा सुरक्षित निवेश में लगाया जा रहा है। लेकिन यह सब एक सुनियोजित साइबर ठगी का हिस्सा था।

चंडीगढ़ से हुई गिरफ्तारी

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी निरीक्षक आशीष गुसांई को सौंपी गई। जांच टीम ने मामले में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों, मोबाइल नंबर और वाट्सएप प्रोफाइल से जानकारी जुटाई। कई तकनीकी साक्ष्यों को खंगालने के बाद पुलिस ने आरोपी महिला चरणजीत कौर निवासी जीटीबी नगर, खरड़, जिला एसएएस नगर (मोहाली), पंजाब को चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी महिला के पास से चार मोबाइल फोन, पांच सिम कार्ड, एक आधार कार्ड और तीन डेबिट कार्ड बरामद किए हैं। ये सभी सामान ठगी की वारदातों में उपयोग किए गए थे।

पूछताछ में किए चौंकाने वाले खुलासे

पूछताछ में आरोपी महिला ने स्वीकार किया कि उसने ही अमेरिका के नंबर से कॉल की थी और खुद को सरकारी एजेंसी की अधिकारी बताया था। उसने फर्जी वाट्सएप प्रोफाइल का इस्तेमाल करके पीड़िता का विश्वास जीता। इसके बाद सोने का व्यापार शुरू कराने के नाम पर लगातार धनराशि ट्रांसफर करवाई।

आरोपी महिला ने पुलिस को यह भी बताया कि पीड़ित को इस बात का आभास तक नहीं हुआ कि वह एक साइबर गिरोह के जाल में फंस चुकी है। उसे बार-बार यकीन दिलाया गया कि पैसा सोने के कच्चे माल में लगाया जा रहा है और जल्द ही उसे मुनाफा मिलेगा।

कई राज्यों में फैला नेटवर्क

एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि आरोपी महिला ने जिन बैंक खातों का इस्तेमाल किया, उनमें सिर्फ एक-दो माह में लाखों रुपये का लेन-देन हुआ है। यह दर्शाता है कि गिरोह काफी लंबे समय से सक्रिय था।

चौंकाने वाली बात यह है कि यह गिरोह सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं बल्कि गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में भी इसी तरह की साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। पुलिस को शक है कि इस गिरोह का नेटवर्क अंतरराज्यीय स्तर पर फैला हुआ है और इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं।

पुलिस की चेतावनी

एसटीएफ ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या संदेश पर आंख मूंदकर विश्वास न करें, खासकर जब कोई व्यक्ति निवेश, व्यापार या सरकारी एजेंसी का नाम लेकर पैसे मांगता हो। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करें।

इस घटना ने एक बार फिर साबित किया है कि साइबर ठग अब और ज्यादा चालाक होते जा रहे हैं। वे विदेशी नंबरों और फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर आम लोगों को भरोसे में लेकर लाखों की ठगी कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

👉 कुल मिलाकर, एसटीएफ की इस कार्रवाई ने न सिर्फ एक बड़े साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, बल्कि उन लोगों के लिए भी चेतावनी का काम किया है जो बिना जांच-पड़ताल किए ऐसे झांसे में आ जाते हैं।

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