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मंडी में बाढ़ से मची तबाही पर चार दिन बाद बोलीं सांसद कंगना रनौत, कहा- स्थिति दिल तोड़ने वाली, लोगों को मिलेगी हरसंभव मदद

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मंडी, हिमाचल प्रदेश।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हाल ही में हुई भीषण बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं ने पूरे क्षेत्र में तबाही मचा दी है। लोगों के घर उजड़ गए, सड़कों का नामोनिशान मिट गया और कई गांवों का संपर्क देश-दुनिया से टूट गया। इस प्राकृतिक आपदा ने जहां लोगों को गहरे संकट में डाल दिया है, वहीं इस तबाही पर क्षेत्र की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का बयान चार दिन बाद सामने आया है, जिसे लेकर अब सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।


कंगना रनौत ने जताई गहरी चिंता

कंगना रनौत ने रविवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट साझा कर मंडी और आस-पास के क्षेत्रों में आई प्राकृतिक आपदा पर गहरी चिंता और दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि हर वर्ष हिमाचल प्रदेश इस प्रकार की त्रासदियों से जूझता है, और यह सिलसिला लगातार लोगों के लिए पीड़ा और संकट का कारण बनता जा रहा है।

उन्होंने कहा, “यह परिस्थिति वाकई में दिल तोड़ने वाली है। जिन लोगों ने अपने जीवन की सारी जमा पूंजी घर बनाने में लगाई, उनका सब कुछ एक ही पल में तबाह हो गया। यह देखकर मन व्यथित हो जाता है।”


बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने की कोशिश की लेकिन…

कंगना ने बताया कि उन्होंने स्वयं सराज और अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाने का प्रयास किया था, लेकिन सड़क संपर्क पूरी तरह से बाधित होने के कारण सुरक्षा कारणों से उन्हें रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि सराज के विधायक और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने भी उन्हें सलाह दी कि जब तक क्षेत्र में संपर्क मार्ग बहाल नहीं हो जाते और लोगों तक सुरक्षित रूप से नहीं पहुंचा जा सकता, तब तक उन्हें प्रतीक्षा करनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रशासन और संबंधित एजेंसियों से अनुमति की प्रतीक्षा कर रही हैं, ताकि हालात सामान्य होने के बाद वह स्वयं राहत क्षेत्रों में जाकर लोगों से मिल सकें।


हरसंभव मदद का आश्वासन

कंगना ने अपने बयान में यह भरोसा दिलाया कि वह अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को कभी भी अकेला नहीं छोड़ेंगी और प्रभावित परिवारों की हरसंभव सहायता करेंगी। उन्होंने लिखा, “जैसे ही मुझे प्रशासन से अनुमति मिलेगी, मैं खुद क्षेत्र में जाऊंगी और वहां के लोगों की मदद करने की पूरी कोशिश करूंगी। उनकी पीड़ा को समझना और उसे साझा करना मेरा कर्तव्य है।”


ट्रोलिंग के बाद सामने आया बयान

गौरतलब है कि यह बयान प्राकृतिक आपदा के चार दिन बाद सामने आया है, जब इंटरनेट मीडिया पर लोग कंगना की चुप्पी को लेकर लगातार सवाल उठा रहे थे। कई यूज़र्स ने सांसद को “गायब सांसद” बताते हुए उन्हें ट्रोल किया और पूछा कि आपदा की घड़ी में उनके क्षेत्र की जनता उन्हें कहां ढूंढे


सत्ताधारी कांग्रेस ने भी उठाए सवाल

कंगना रनौत की चुप्पी को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि आपदा की इस कठिन घड़ी में सांसद का कोई अता-पता क्यों नहीं है? कांग्रेस नेताओं ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के जिन उम्मीदवारों को जनता ने भारी उम्मीदों के साथ संसद भेजा था, वे आज इस संकट में जनता के साथ खड़े नजर नहीं आ रहे

कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने कहा कि सांसद का कर्तव्य केवल चुनाव के समय प्रचार करना या दिल्ली में बयान देना नहीं होता, बल्कि जब जनता पर संकट हो, तब उसके साथ खड़ा होना ही असली जनसेवा है।


लोग बोले: “अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे”

कई स्थानीय नागरिकों ने भी सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि चार दिन बाद बयान देना बहुत देर हो चुकी प्रतिक्रिया है। एक यूज़र ने लिखा, “जब हम गांव में भूखे-प्यासे फंसे हुए थे, तब हमारी सांसद का कोई अता-पता नहीं था। अब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालने से क्या फर्क पड़ेगा?”


निष्कर्ष

प्राकृतिक आपदा के इस दौर में मंडी और आसपास के क्षेत्रों में जो नुकसान हुआ है, वह अकल्पनीय है। ऐसे समय में जनता अपने जनप्रतिनिधियों से सिर्फ सहानुभूति नहीं, बल्कि सक्रियता की उम्मीद करती है। कंगना रनौत का देर से ही सही, लेकिन आया यह बयान लोगों के लिए राहत का संकेत हो सकता है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में वह जमीनी स्तर पर कितनी सक्रियता से काम करती हैं, और क्या वाकई उनके द्वारा किया गया हरसंभव मदद का वादा पूरा होता है या नहीं। हिमाचल की जनता अभी भी अपनी सांसद की उपस्थिति और सहयोग की प्रतीक्षा कर रही है।

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