हरिद्वार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ‘नदी महोत्सव’ का शुभारंभ, राज्य की नदियों की सफाई के साथ 107 विकास योजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास

हरिद्वार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार, 4 जुलाई 2025 को हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में ‘नदी महोत्सव’ का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूजा-अर्चना कर नदियों के संरक्षण और स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी महोत्सव केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह राज्य की संस्कृति, पर्यावरण और जनभागीदारी का प्रतीक है। इस अभियान के तहत उत्तराखंड की विभिन्न नदियों की सफाई और संरक्षण के कार्य को गति दी जाएगी, ताकि जल संसाधनों की शुद्धता बनी रहे और भावी पीढ़ियां भी स्वच्छ जल का उपयोग कर सकें।
107 विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने हरिद्वार जनपद के लिए कुल 550 करोड़ रुपये लागत की 107 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें 100 योजनाएं जिन पर 281 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, का लोकार्पण, और 7 नई योजनाओं, जिन पर 269 करोड़ रुपये व्यय होंगे, का शिलान्यास किया गया।
उन्होंने कहा कि यह योजनाएं हरिद्वार के समग्र विकास को एक नई दिशा देंगी। इनमें सड़क निर्माण, पुल, पेयजल योजनाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे से जुड़ी योजनाएं प्रमुख हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर क्षेत्र के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है, और जनता के सहयोग से “विकसित उत्तराखंड” का सपना जल्द साकार होगा।
मुख्यमंत्री के चार साल पूर्ण, जनकल्याण के लिए समर्पित रहा कार्यकाल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूरे होने की जानकारी देते हुए कहा कि यह चार साल राज्य के सर्वांगीण विकास और आमजन की सेवा को समर्पित रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शी और जवाबदेह शासन देने में लगातार प्रयासरत रही है।
सीएम ने कहा कि “डबल इंजन की सरकार” के प्रयासों से उत्तराखंड में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन और उद्योग जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से विकास हो रहा है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वह भी इन विकास योजनाओं में सक्रिय भागीदार बनें और राज्य को आगे ले जाने में अपना योगदान दें।
व्यापारी नेताओं ने सीएम के सामने रखीं समस्याएं
हरिद्वार में आयोजित बैठक के दौरान राज्य व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र चौटाला ने कांवड़ मेले को लेकर व्यापारियों और स्थानीय निवासियों की समस्याएं मुख्यमंत्री के समक्ष उठाईं। उन्होंने बताया कि भीमगोडा से हरकी पैड़ी तक का इलाका अत्यंत संवेदनशील है और इस क्षेत्र में निवास करने वाले लोग तथा व्यापारी हर वर्ष कांवड़ मेले के दौरान अनेक समस्याओं से जूझते हैं।
उन्होंने कहा कि आवाजाही में अवरोध, व्यापारिक गतिविधियों में व्यवधान और कई बार व्यापारियों के साथ अपमानजनक व्यवहार जैसी घटनाएं सामने आती हैं, जिन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
उत्तरी हरिद्वार के अस्पतालों में डॉक्टरों की व्यवस्था की मांग
राजेंद्र चौटाला ने मुख्यमंत्री से उत्तर हरिद्वार स्थित अस्पतालों में चिकित्सकों और चिकित्सा स्टाफ की पर्याप्त व्यवस्था की मांग की। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, और आपात स्थिति में उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता होती है।
उन्होंने सुझाव दिया कि आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को पहले से ही पूरी तैयारी के साथ तैनात किया जाना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
व्यापारी संगठन के अन्य प्रतिनिधि भी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में व्यापारी संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। इनमें प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सुमित अरोड़ा, प्रदेश उपाध्यक्ष तेज प्रकाश साहू व भगवत अग्रवाल, संयुक्त महामंत्री दीपक गौनियाल, युवा जिलाध्यक्ष विशाल गोस्वामी, महानगर अध्यक्ष संदीप अग्रवाल, गोकुल सिंह रावत, मधुर अरोड़ा समेत कई अन्य लोग शामिल थे।
निष्कर्ष
नदी महोत्सव और विकास योजनाओं का यह भव्य आयोजन उत्तराखंड के विकास की गति को और तेज करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। वहीं व्यापारियों और स्थानीय जनता की समस्याओं को सुनकर मुख्यमंत्री धामी ने यह भी संकेत दिया कि उनकी सरकार जन संवाद को सर्वोपरि मानती है। आने वाले दिनों में यदि सभी वर्गों की भागीदारी बनी रही, तो उत्तराखंड न केवल आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से सशक्त होगा, बल्कि पर्यावरणीय और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा में भी देशभर के लिए उदाहरण बनेगा।