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चारधाम यात्रा पर मौसम की मार: यमुनोत्री हाईवे पांच दिन से बंद, अब गंगोत्री मार्ग भी बंद हुआ; यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं

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उत्तरकाशी/बड़कोट। उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने चारधाम यात्रा को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। जहां एक ओर यमुनोत्री हाईवे बीते पांच दिनों से बंद पड़ा है, वहीं अब गंगोत्री राजमार्ग भी भूस्खलन और सड़क धंसने के कारण बाधित हो गया है। इससे यात्रा पर निकले हजारों श्रद्धालुओं की मुश्किलें कई गुना बढ़ गई हैं। प्रशासन और एनएच विभाग मार्गों को खोलने में जुटे हैं, लेकिन मौसम की चुनौती फिलहाल काम को आगे नहीं बढ़ने दे रही।

यमुनोत्री हाईवे पांचवें दिन भी अवरुद्ध

यमुनोत्री हाईवे पर 28 जून की रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद से ही मार्ग बाधित है। ओजरी के पास सड़क का करीब 15 मीटर हिस्सा बह गया है, जिससे रास्ता पूरी तरह से कट चुका है। वहीं गुरुवार की रात हुई बारिश ने स्थिति और बिगाड़ दी है। ओजरी से लगभग 14 किलोमीटर आगे हनुमान चट्टी के पास बनास में भी सड़क का करीब 20 मीटर हिस्सा धंस गया है, जिससे हाईवे पर दोनों ओर से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।

एनएच के अधिकारियों का कहना है कि ओजरी गदेरे में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते यहां पानी को डायवर्ट करने की योजना पर भी काम नहीं हो पा रहा है। बुधवार को एनएच ने गदेरे के जलस्तर को कम करने के लिए एचडीपीई पाइप लगाने का प्रयास किया था, लेकिन रात को दोबारा हुई तेज बारिश ने उस योजना पर भी पानी फेर दिया।

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बैली ब्रिज से बहाली की कोशिश

एनएच विभाग द्वारा यमुनोत्री मार्ग को फिर से खोलने के लिए ऋषिकेश से बैली ब्रिज मंगवाया गया है। इसे दस ट्रकों में अलग-अलग हिस्सों में लाया जा रहा है। गुरुवार तक दो ट्रक सिलाई बैंड पहुंच गए हैं, जबकि अन्य ट्रकों के अगले दो-तीन दिनों में पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन जब तक बारिश नहीं थमती और ओजरी गदेरे का पानी कम नहीं होता, तब तक बैली ब्रिज की स्थापना और सड़क बहाली कठिन प्रतीत हो रही है।

गंगोत्री हाईवे भी बंद

गुरुवार रात की भारी बारिश से गंगोत्री हाईवे भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पापड़गाड़ के पास हाईवे का करीब 15 मीटर हिस्सा धंस गया है, जिससे यह मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है। इसके अलावा नेताला, हीना और मनेरी में भी मलबा और बोल्डर आने के कारण यातायात रुका रहा। हालांकि बीआरओ ने कुछ हिस्सों को खोल दिया है, लेकिन मुख्य मार्ग बंद होने से चारधाम यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।

बीते शनिवार को बादल फटने से बिगड़ी थी स्थिति

गौरतलब है कि बीते शनिवार रात को सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना ने यमुनोत्री हाईवे की हालत पहले ही खराब कर दी थी। पालीगाड़ से लेकर ओजरी तक कुल चार स्थानों पर सड़क बह गई थी, जबकि दो जगह भारी भूस्खलन हुआ था। लोक निर्माण विभाग और एनएच की मशीनों की मदद से अन्य स्थानों पर नई कटिंग कर रास्ते को तो बहाल कर दिया गया है, लेकिन ओजरी गदेरे में बह चुकी सड़क को फिर से तैयार करना अब भी संभव नहीं हो पाया है।

तीर्थयात्रियों को लगातार किया जा रहा अलर्ट

चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन लगातार अलर्ट जारी कर रहा है। तीर्थयात्रियों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और अवरुद्ध मार्गों के बारे में जानकारी दी जा रही है। यात्रा मार्गों में फंसे यात्रियों को स्थानीय धर्मशालाओं, स्कूलों और सामुदायिक भवनों में अस्थायी रूप से ठहराया गया है।

प्रशासन सतर्क, लेकिन मौसम बना बाधा

एनएच अधिकारियों का कहना है कि जब तक ओजरी गदेरे में पानी का स्तर कम नहीं होता, तब तक पानी डायवर्ट करना संभव नहीं है और न ही बैली ब्रिज की स्थापना हो सकती है। पिछले कुछ दिनों से हर रात भारी बारिश हो रही है, जिससे राहत की उम्मीद कम दिख रही है।

सुरक्षा को प्राथमिकता

उत्तरकाशी प्रशासन और एनएच विभाग लगातार मौके पर मौजूद हैं और हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि जल्द से जल्द मार्ग बहाल हो। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। गंगोत्री और यमुनोत्री मार्गों पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत-बचाव कार्य तुरंत शुरू किया जा सके।


निष्कर्ष: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने चारधाम यात्रा को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। यमुनोत्री और गंगोत्री के दोनों प्रमुख मार्ग बंद होने से हजारों श्रद्धालु फंसे हुए हैं। प्रशासन और एनएच विभाग प्रयासरत हैं, लेकिन मौसम की मार फिलहाल चुनौती बनी हुई है। यात्रियों से अपील की जा रही है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक यात्रा से बचें।

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