उत्तराखंड के नौ शहरों में छलकेगा ‘अमृत’, देहरादून को मिलेगी निर्बाध जलापूर्ति

देहरादून। अमृत योजना 2.0 के तहत उत्तराखंड के नौ शहरों में पेयजल योजनाओं को मंजूरी मिल गई है। इसके तहत 166.72 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल परियोजनाओं पर काम किया जाएगा। केंद्र सरकार की अटल मिशन फॉर रिज्युविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT) योजना के तहत इन परियोजनाओं को वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, और 13.78 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है।

किन शहरों में होगी जल योजनाएं?
इन शहरों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति और धनराशि आवंटित की गई है:
- बनबसा: ₹9.6 करोड़
- स्वर्गाश्रम जोंक: ₹12.57 करोड़
- कर्णप्रयाग: ₹32.31 करोड़
- डीडीहाट: ₹10.41 करोड़
- नानकमत्ता: ₹30.55 करोड़
- देवप्रयाग: ₹14.46 करोड़
- गजा: ₹28.4 करोड़
- धारचूला: ₹9.82 करोड़
- कपकोट: ₹18.6 करोड़

अन्य निर्माणाधीन योजनाओं के लिए दूसरी किस्त जारी
अमृत योजना के तहत निम्नलिखित निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए 18.25 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त जारी की गई है। इन परियोजनाओं की कुल लागत 169.53 करोड़ रुपये है:
- शक्तिगढ़, दुगड्डा, लालकुआं, शास्त्रीनगर, नरेंद्रनगर, मुनिकीरेती, पौड़ी, पोखरी, सतपुली और गौचर।
सौंग बांध परियोजना: देहरादून को मिलेगी निर्बाध जल आपूर्ति
- परियोजना का महत्व:
- सौंग बांध परियोजना से दून की 11.63 लाख आबादी को निर्बाध पेयजल आपूर्ति होगी।
- भूजल का दोहन रोकने के लिए यह परियोजना अहम भूमिका निभाएगी।
- परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
- 130.06 मीटर ऊंचा बांध मालदेवता से 10 किमी ऊपर सौंग नदी पर बनाया जाएगा।
- 120 हेक्टेयर भूमि पर 2,069 करोड़ रुपये की लागत से बांध, एप्रोच सड़क, और स्टाफ आवास का निर्माण होगा।
- 150 एमएलडी जल शोधित संयंत्र: 422 करोड़ रुपये की लागत से कनारकाटल गांव में जल शोधित संयंत्र स्थापित होगा।
- 14.6 किमी पाइपलाइन: सिंचाई विभाग द्वारा 1.50 मीटर चौड़ी पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जो बांध से डब्ल्यूटीपी तक पानी पहुंचाएगी।
देहरादून के लिए जल नेटवर्क का विस्तार
- शहर के 60 वार्डों में जल आपूर्ति के लिए 300 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
- पुराने और कम क्षमता वाले ओवरहेड टैंकों का नवीनीकरण किया जाएगा।
- यह परियोजना 2030 तक पूरी होने की संभावना है, जिससे दूनवासियों को पेयजल की स्थायी सुविधा मिलेगी।