ये ड्रोन है या हेलीकॉप्टर! 12वीं के छात्र ने कचरे से बनाई ऐसी मशीन, आनंद महिंद्रा भी हुए हैरान

www.hillstime.in मध्य प्रदेश के ग्वालियर के एक होनहार छात्र ने कचरे से सिंगल-सीटर ड्रोन बनाकर देशभर में सराहना बटोरी है। इस इनोवेटिव ड्रोन ने बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा का भी ध्यान खींचा। उन्होंने सोशल मीडिया पर छात्र के काम की जमकर तारीफ की और उसके इंजीनियरिंग के प्रति जुनून की सराहना की।

मुख्य बिंदु:
- आनंद महिंद्रा ने की सराहना:
- महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा कि यह केवल इनोवेशन की नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग के प्रति जुनून और समर्पण की बात है।
- उन्होंने यह भी कहा कि देश को ऐसे युवा इनोवेटर्स की आवश्यकता है, जो तकनीकी विकास में योगदान दे सकें।
- छात्र का परिचय:
- ड्रोन बनाने वाले छात्र का नाम मेधांश त्रिवेदी है।
- वह ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में 12वीं कक्षा का छात्र है।
- मेधांश ने तीन महीने में स्क्रैप सामग्री का उपयोग करके इस ड्रोन को तैयार किया है।
- ड्रोन की खासियत:
- ड्रोन का नाम एमएलडीटी 01 रखा गया है।
- यह ड्रोन अधिकतम 80 किलो वजन उठा सकता है और एक बार में 6 मिनट तक उड़ान भर सकता है।
- अधिकतम गति 60 किमी प्रति घंटा है।
- ड्रोन पर एक व्यक्ति बैठकर उड़ान भर सकता है।
- तकनीकी प्रेरणा और उपयोग:
- मेधांश ने चीन की ड्रोन तकनीक से प्रेरणा लेकर इसे बनाया।
- यह ड्रोन भविष्य में टेक्नोलॉजी विस्तार और मेडिकल इमरजेंसी जैसे कार्यों में मददगार साबित हो सकता है।
- सोशल मीडिया पर चर्चा:
- ड्रोन के डिजाइन और कार्यप्रणाली ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींचा।
- यूजर्स ने छात्र की इनोवेशन स्किल्स और मेहनत की सराहना की।
- कुछ ने इसमें ऑटो पायलट फीचर जोड़ने की बात कही, जबकि अन्य ने सुरक्षा मानकों पर ध्यान देने की सलाह दी।
- प्रैक्टिकल लर्निंग पर जोर:
- कई लोगों ने भारतीय शिक्षा प्रणाली में प्रैक्टिकल लर्निंग और उद्यमिता को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई।
- यह ड्रोन युवाओं में इनोवेशन और तकनीकी विकास की दिशा में एक प्रेरणा बन सकता है।
निष्कर्ष:
मेधांश त्रिवेदी का यह ड्रोन न केवल उनकी तकनीकी समझ और मेहनत को दर्शाता है, बल्कि भारतीय युवाओं की संभावनाओं का भी प्रतीक है। यह इनोवेशन देश में तकनीकी विकास और शिक्षा प्रणाली के लिए एक प्रेरणादायक कदम है।