IAS बृजेश कुमार संत को पांच विभागों का दायित्व, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

www.hillstime.in नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक आईएएस अधिकारी को पांच विभागों का कार्यभार सौंपे जाने के मामले में राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, इस मामले में आईएएस बृजेश कुमार संत को भी नोटिस जारी किया है।

मुख्य बिंदु:
- याचिका पर सुनवाई:
- गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी महासंघ की याचिका पर सुनवाई की।
- याचिका में कहा गया है कि आईएएस बृजेश कुमार संत को पांच विभागों का कार्यभार सौंपा गया है, जिससे उनके कार्य समय पर पूरे नहीं हो पा रहे हैं।
- पांच विभागों की जिम्मेदारी:
- संत को खनन से जुड़े दो विभाग और परिवहन से जुड़े तीन विभाग सौंपे गए हैं।
- उनकी जिम्मेदारियों में शामिल हैं:
- परिवहन सचिव
- परिवहन आयुक्त
- चेयरमैन, स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए)
- रोडवेज के वित्तीय सलाहकार
- नियमावली का उल्लंघन:
- याचिका में कहा गया है कि नियमावली के अनुसार, एसटीए का चेयरमैन वह व्यक्ति होना चाहिए जिसका विभाग में कोई व्यक्तिगत हित न हो।
- संत के पास एक ही समय में कई विभागों की जिम्मेदारी होने से समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हो पा रहा है।
- राज्य सरकार से जवाब तलब:
- हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
- कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्यों न किसी अन्य अधिकारी को इन विभागों का दायित्व सौंपा जाए।
- जनता की समस्याएं:
- याचिका में जनता के हित में कहा गया कि एक अधिकारी के पास इतनी जिम्मेदारियां होने से उनकी समस्याओं का समाधान प्रभावित हो रहा है।
- याचिकाकर्ता ने मांग की कि संत के स्थान पर अन्य अधिकारी नियुक्त किए जाएं, ताकि विभागीय कार्य सही समय पर हो सकें।
निष्कर्ष:
इस मामले ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। हाई कोर्ट के निर्देश से यह उम्मीद की जा रही है कि जनता को समय पर सेवाएं और समस्याओं का समाधान मिल सकेगा।
