नए साल से उत्तराखंड में लागू होगा यूसीसी, वक्फ बोर्ड ने किया स्वागत

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि जनवरी 2025 से राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी जाएगी। यह कदम राज्य को आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला पहला प्रदेश बना देगा। वक्फ बोर्ड ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे देश के लिए एक नजीर बताया है।

मुख्य बिंदु:
- यूसीसी लागू करने की घोषणा
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
- उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जहां यूसीसी लागू किया जाएगा।
- वक्फ बोर्ड का समर्थन
- वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने यूसीसी का स्वागत करते हुए इसे उभरते भारत की तस्वीर और विकसित भारत की ओर एक मजबूत कदम बताया।
- शम्स ने कहा कि यह कानून किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है और इसमें सभी परंपराओं और रीतियों का ध्यान रखा गया है।
- यूसीसी के लाभ
- यूसीसी के तहत विवाह, तलाक, गोद लेना, विरासत और उत्तराधिकार के लिए एक समान कानून लागू होगा।
- यह बेटियों को बराबरी का हक देगा और समाज में समानता लाने का काम करेगा।
- मुसलमान निकाह और तलाक रजिस्टर कराएंगे, हिन्दू फेरे लेने पर रजिस्टर करेंगे, जिससे सभी के लिए एक समान प्रक्रिया होगी।
- यूसीसी: एक नजर में
- यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) एक देश, एक कानून के सिद्धांत पर आधारित है।
- यह सभी धर्मों के नागरिकों के लिए समान नियम लागू करेगा।
- वर्तमान में विभिन्न धर्मों के लिए विवाह, तलाक और विरासत जैसे मामलों में अलग-अलग कानून हैं, जिन्हें यूसीसी के तहत統一 किया जाएगा।
- शम्स का बयान
- शम्स ने कहा, “यूसीसी देश के लिए मिसाल बनेगा और आने वाला वक्त उत्तराखंड का होगा। अन्य राज्य भी इसे अपनाएंगे।”

निष्कर्ष
यूसीसी का लागू होना समाज में समानता और एकता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह कानून विकास की नई राहें खोलेगा और देश के लिए नजीर बनेगा।
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