एचआरटीसी बसों में ऑनलाइन टिकटिंग का बढ़ा चलन, 75 फीसदी यात्री कर रहे डिजिटल भुगतान

हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में डिजिटल भुगतान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। यात्री अब किराए का भुगतान गूगल-पे, फोन-पे, भीम ऐप और एनसीएमसी कार्ड जैसी डिजिटल माध्यमों से कर रहे हैं। एचआरटीसी के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 से कैशलैस लेनदेन में बड़ा इजाफा हुआ है। बस परिचालकों के लिए खुले पैसों की समस्या कम होने के साथ ही यात्रियों को भी डिजिटल भुगतान की सुविधा का लाभ मिल रहा है।
कैशलैस भुगतान में वृद्धि
एचआरटीसी ने 7 मार्च 2024 को अपनी बसों में कैशलैस ट्रांजेक्शन की शुरुआत की थी। शुरुआती दिनों में प्रतिदिन औसतन 40 डिजिटल भुगतान होते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 2500 हो गई है। महीनेभर में लगभग 75,000 यात्री ऑनलाइन टिकट बुकिंग कर रहे हैं।
एनसीएमसी कार्ड का बढ़ता उपयोग
डिजिटल सुविधा को और सरल बनाते हुए एचआरटीसी ने 5 सितंबर 2024 को एनसीएमसी कार्ड सेवा शुरू की थी। इस कार्ड की खासियत यह है कि यात्री बिना इंटरनेट के भी किराए का भुगतान कर सकते हैं। शुरुआत में प्रतिदिन केवल 75 यात्री इस सेवा का उपयोग कर रहे थे, लेकिन अब 800 से अधिक यात्री एनसीएमसी कार्ड के जरिए भुगतान कर रहे हैं।
एनसीएमसी कार्ड को रिचार्ज करना बेहद आसान
एनसीएमसी कार्ड को रिचार्ज करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। यात्री एक बार मात्र 100 रुपये देकर कार्ड बनवा सकते हैं। इसके बाद इसे एचआरटीसी बुकिंग काउंटर पर या गूगल-पे, फोन-पे, योनो और भीम ऐप के जरिए आसानी से रिचार्ज किया जा सकता है।
डिजिटल भुगतान से परिचालकों को राहत
डिजिटल भुगतान के बढ़ते चलन ने बस परिचालकों को खुले पैसों की समस्या से निजात दिलाई है। यह सुविधा यात्रियों और एचआरटीसी दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की पहल
एचआरटीसी प्रबंधन का कहना है कि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए यात्रियों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही ऑनबोर्ड ई-टिकटिंग मशीनों के माध्यम से ट्रांजेक्शन को और सुगम बनाया गया है।
डिजिटल इंडिया की ओर कदम बढ़ाता एचआरटीसी
एचआरटीसी द्वारा शुरू की गई यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” मिशन को भी आगे बढ़ा रही है। यह बदलाव न केवल हिमाचल प्रदेश के परिवहन क्षेत्र में नई क्रांति ला रहा है, बल्कि यात्री सेवाओं को भी आधुनिक और सुविधाजनक बना रहा है।