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शिमला में दिव्य ज्योति संस्थान की कलश यात्रा का पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत, श्रीकृष्ण कथा का हुआ शुभारंभ

शिमला, हिमाचल प्रदेश – देवभूमि हिमाचल की राजधानी शिमला में मंगलवार को एक आध्यात्मिक वातावरण तब बन गया जब दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण कथा के उपलक्ष्य में भव्य मंगल कलश यात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा का स्वागत शहरवासियों ने पुष्प वर्षा और प्रसाद वितरण के साथ किया, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया।

श्रीकृष्ण कथा का शुभारंभ और पूजन अनुष्ठान

शिमला के राम मंदिर परिसर में आयोजित हो रही श्रीकृष्ण कथा की शुरुआत मंगल कलश यात्रा के साथ की गई। यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व दिनेश कुमार शांडिल्य ने अपने परिवार सहित विधिवत पूजन किया। इस भव्य आयोजन का उद्घाटन भाजपा नेता संजय सूद, सूद सभा के प्रधान राजीव सूद, साध्वी गार्गी भारती और स्वामी धीरानंद द्वारा भगवा ध्वज लहराकर किया गया।

सौभाग्यवती महिलाओं और युवाओं की विशेष भागीदारी

इस धार्मिक यात्रा में सैकड़ों सौभाग्यवती माताएं और बहनें पारंपरिक वेशभूषा में मंगल कलश लेकर शामिल हुईं। वहीं, बच्चों और युवाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लेकर धार्मिकता के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों की झलक भी दिखाई। उन्होंने नशा मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और गौ सेवा जैसे संदेशों को जनमानस तक पहुंचाया।

यात्रा मार्ग और भव्य स्वागत

कलश यात्रा राम मंदिर से प्रारंभ होकर राम बाजार, कार्ट रोड, गंज बाजार, लोअर बाजार और सीटीओ से होते हुए पुनः कथा स्थल राम मंदिर पहुंची। इस दौरान स्थानीय दुकानदारों और श्रद्धालुओं ने रास्ते में पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। साथ ही, भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया, जिससे सभी में आस्था और श्रद्धा का संचार हुआ।

सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार उद्देश्य

स्वामी धीरानंद ने यात्रा के दौरान बताया कि दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार है। उन्होंने कहा कि संस्थान भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर में इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों के माध्यम से लोगों में आध्यात्मिक चेतना जाग्रत करता है। उन्होंने सभी सनातन धर्मावलंबियों से आह्वान किया कि वे अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर गर्व करें और उन्हें आगे बढ़ाएं।

श्रीकृष्ण कथा का नियमित आयोजन

इस आध्यात्मिक अनुष्ठान की मुख्य कथा आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी रूपेश्वरी भारती द्वारा की जा रही है। श्रीकृष्ण कथा प्रतिदिन शाम 3 बजे से 6 बजे तक आयोजित की जा रही है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।

निष्कर्ष

शिमला की यह मंगल कलश यात्रा और श्रीकृष्ण कथा का आयोजन न केवल एक धार्मिक उत्सव रहा, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक बन गया। पुष्प वर्षा, भक्ति गीतों और सामाजिक संदेशों से सजी यह शोभायात्रा आने वाले समय में सनातन संस्कृति के संरक्षण और प्रचार के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी। यह आयोजन शिमलावासियों के लिए न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समाज में शांति, सद्भाव और सद्गुणों के प्रचार का माध्यम भी बना।

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