IMA POP 2025: दूसरी और तीसरी पीढ़ी के युवाओं ने बढ़ाया सेना में परिवार का गौरव, देश सेवा का जुनून दिखाया

देहरादून, उत्तराखंड:
भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में शनिवार को आयोजित पासिंग आउट परेड (POP) में देश को 419 नए सैन्य अधिकारी मिले। इस गर्व के क्षण में कई ऐसे युवा भी शामिल हुए जो दूसरी और तीसरी पीढ़ी के सैन्य परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। इन युवाओं ने न सिर्फ अपने परिवार की सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाया, बल्कि देश सेवा के जज़्बे की मिसाल भी कायम की।
निखिल चंद: तीसरी पीढ़ी के सैन्य अधिकारी
उत्तराखंड के खटीमा निवासी निखिल चंद ने IMA से प्रशिक्षण प्राप्त कर सेना में अफसर के रूप में कमीशन प्राप्त किया। निखिल के दादा गोपाल चंद और पिता मनोहर चंद दोनों भारतीय सेना में सेवा कर चुके हैं। गोपाल चंद सिपाही के रूप में सेवा कर चुके हैं जबकि मनोहर चंद सेना की सिग्नल यूनिट में कार्यरत थे।
मनोहर चंद ने बताया कि उन्होंने हमेशा यह सपना देखा कि उनका बेटा उनसे ऊँचा मुकाम हासिल करे। निखिल ने पहले सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में दाखिला लिया, हालांकि शुरू में वह अनमना था, लेकिन समय के साथ लक्ष्य के प्रति उसकी प्रतिबद्धता बढ़ती गई। आज पूरा परिवार निखिल की इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहा है।
निर्मल भट्ट: सैन्य सेवा में दूसरी पीढ़ी की भूमिका
अल्मोड़ा जिले के सल्याड़ गांव (दन्या) निवासी निर्मल भट्ट सेना में सेवा देने वाले परिवार की दूसरी पीढ़ी से हैं। उनके पिता नंदावल्लभ भट्ट, नायब सूबेदार पद से वर्ष 2013 में सेवानिवृत्त हुए थे। निर्मल ने अपनी पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल अल्मोड़ा और सैनिक स्कूल घोड़ाखाल से पूरी की और फिर NDA के माध्यम से IMA में प्रवेश पाया।
निर्मल के बड़े भाई चंदन भट्ट ने भी हाल ही में CDS परीक्षा पास कर लेफ्टिनेंट पद पर सेना में कमीशन प्राप्त किया। परिवार की बड़ी बेटी डॉ. सविता भट्ट ने पंत कृषि विश्वविद्यालय से पीएचडी की है और वर्तमान में कृषि वैज्ञानिक हैं। वहीं, छोटी बेटी निर्मला भट्ट IIT रुड़की से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी कर रही हैं।

देश सेवा की विरासत को आगे बढ़ाते परिवार
IMA POP 2025 में शामिल इन युवा अफसरों की कहानी सिर्फ एक कमीशन की नहीं, बल्कि देशभक्ति, अनुशासन और पारिवारिक परंपरा की मिसाल है। उत्तराखंड जैसे राज्यों में सेना में सेवा करना केवल नौकरी नहीं बल्कि गौरव और संस्कार का प्रतीक है। यहां की धरती से निकले वीरों ने हमेशा देश की रक्षा में अद्वितीय योगदान दिया है।
निष्कर्ष
IMA से निकले यह युवा अफसर सिर्फ सैन्य अधिकारी नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं। दूसरी और तीसरी पीढ़ी के सैन्य परिवार यह सिद्ध करते हैं कि देश सेवा केवल भावना नहीं, बल्कि विरासत होती है। POP 2025 इस बात का गवाह बना कि भारत के युवा आज भी देश की रक्षा में अपना जीवन समर्पित करने को तैयार हैं।
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