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बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने तेलंगाना ट्रस्ट को भेजा नोटिस, जानिए क्या है मामला

notice to telangana trust by badrinath temple

उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिरों की प्रतिकृतियां बनाने पर आपत्ति
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) ने तेलंगाना के एक ट्रस्ट को कानूनी नोटिस भेजा है, जो कथित तौर पर दक्षिण भारत में बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिरों की प्रतिकृतियां बनाने की योजना बना रहा है। इस संबंध में समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस जारी किया गया। नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि उत्तराखंड के इन प्राचीन और पवित्र मंदिरों की प्रतिकृतियां बनाना श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।

मीडिया अधिकारी ने दी जानकारी
समिति के मीडिया अधिकारी हरीश गौड़ ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर न केवल उत्तराखंड, बल्कि समूचे भारत के श्रद्धालुओं की गहरी आस्था का केंद्र हैं। सदियों से भक्त हिमालयी इन पवित्र धामों के दर्शन के लिए कठिन यात्रा करते आए हैं। मंदिर समिति को यह जानकारी मिली है कि तेलंगाना का एक ट्रस्ट इन मंदिरों की प्रतिकृतियां बनाने की योजना पर काम कर रहा है, जिसे लेकर समिति ने आपत्ति जताई है।

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मंदिरों की पवित्रता बनाए रखने की अपील
नोटिस में कहा गया है कि बद्रीनाथ और केदारनाथ मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी रखते हैं। इनकी प्रतिकृतियां बनाना इनकी पवित्रता को प्रभावित कर सकता है और इससे भक्तों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। समिति ने ट्रस्ट से यह अपील की है कि इस तरह की योजनाओं को तुरंत रोका जाए और इन मंदिरों की अद्वितीयता और धार्मिक महत्व को बनाए रखा जाए।

नोटिस पर क्या है समिति की मंशा
मंदिर समिति ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि यदि ट्रस्ट ने प्रतिकृतियां बनाने की योजना को नहीं रोका, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, समिति ने अन्य संगठनों और ट्रस्टों को भी चेतावनी दी है कि इस तरह के कदम धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकते हैं और उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

निष्कर्ष
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश की आस्था और विश्वास का केंद्र हैं। इनकी प्रतिकृतियां बनाने से संबंधित किसी भी योजना को रोकने के लिए समिति कड़े कदम उठा रही है। यह मामला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

स्रोत: www.hillstime.in

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