उत्तराखंड में बारिश का कहर: देहरादून में रेड अलर्ट, मकान ढहे, मसूरी मार्ग बाधित

देहरादून। उत्तराखंड में मानसून का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। देहरादून और उसके आसपास के क्षेत्रों में बीती रात से हो रही भीषण बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने देहरादून में अगले 48 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं।
मकान ढहे, दरारें पड़ीं, नदी किनारे खतरा बढ़ा
शहर के कारगी चौक के पास बिंदाल नदी के किनारे बने दो मकान तेज बारिश के कारण ढह गए, जबकि दो अन्य मकानों में दरारें आ गई हैं। गनीमत रही कि घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए प्रभावित क्षेत्र के 10 से अधिक मकानों को खाली करा दिया है।
इसी तरह, सहस्रधारा रोड पर किरसाली चौक के पास एक चार मंजिला इमारत में भी दरारें देखी गई हैं। पुलिस और आपदा प्रबंधन टीमों ने तत्परता दिखाते हुए इमारत को खाली करा लिया है, ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
मसूरी मार्ग पर आवाजाही प्रभावित
मसूरी मार्ग पर भी बारिश का असर देखने को मिला है। मालसी चिड़ियाघर पुलिया का हिस्सा धंस जाने से इस मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। पर्यटकों को राजपुर-कुठालगेट मार्ग से मसूरी भेजा जा रहा है। वहीं, गलोगी के पास भूस्खलन के कारण सड़क आंशिक रूप से बाधित है।
इनामुला बिल्डिंग को भी नुकसान
कारगी क्षेत्र की प्रसिद्ध इनामुला बिल्डिंग में स्थित दुकानों और घरों को भी नुकसान पहुंचा है। एहतियात के तौर पर पास की सभी दुकानों को खाली करा दिया गया है। इसके अलावा, नदी-नालों के पास रह रहे लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
एसएसपी स्वयं कर रहे हालात की निगरानी
एसएसपी देहरादून स्वयं घटनास्थलों पर पहुंचकर हालात की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों, फायर टीमों और एसडीआरएफ को पूर्ण सतर्कता में रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, संभावित भूस्खलन क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखी जा रही है।
प्रतियोगी परीक्षाओं पर भी असर, विशेष सतर्कता
देहरादून जनपद में आज आयोजित 96 प्रतियोगी परीक्षा केंद्रों पर भी प्रशासनिक निगरानी बढ़ा दी गई है। परीक्षा स्थलों तक पहुंचने में छात्रों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए पुलिस बल सतत भ्रमणशील है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से संवेदनशील इलाकों में न जाएं। नदी-नालों के पास रहने वाले लोग विशेष सतर्कता बरतें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन से तुरंत संपर्क करें।
निष्कर्ष
देहरादून में हो रही भारी बारिश ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और नागरिक सतर्कता कितनी जरूरी है। प्रशासन की तत्परता और नागरिकों की सजगता से ही इस प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।