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पंचायत चुनाव की अधिसूचना पर टिकी निगाहें, राज्य निर्वाचन आयोग कर रहा अंतिम मंथन

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देहरादून। हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड के शेष 12 जनपदों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजाने की जिम्मेदारी अब पूरी तरह राज्य निर्वाचन आयोग के कंधों पर आ गई है। पंचायतों के पदों व वार्डों के आरक्षण संबंधी सूची सरकार ने आयोग को भेज दी है। आयोग अब विभिन्न पहलुओं पर विचार‑विमर्श कर रहा है और माना जा रहा है कि सरकार से आपसी विमर्श के बाद जल्द ही पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करने का निर्णय ले लिया जाएगा।

परिसीमन से लेकर मतदाता सूची तक तैयारी पूरी

राज्य सरकार ने चुनाव की पूर्व तैयारियों के तहत तीन अहम कार्य पहले ही निपटा दिए थे—

  1. ग्राम पंचायतों का परिसीमन व पुनर्गठन
  2. क्षेत्र तथा जिला पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन
  3. मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण

इन प्रक्रियाओं के पूर्ण होने के बाद अंतिम कड़ी थी पंचायतों में आरक्षण निर्धारण। हाल में कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद यह सूची निर्वाचन आयोग को सौंप दी गई, जिससे चुनावी प्रक्रिया को निर्णायक मोड़ मिल गया है।

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23 जून की हाईकोर्ट सुनवाई भी अहम

पंचायतों के आरक्षण निर्धारण को लेकर एक याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जिसकी अगली सुनवाई 23 जून को निर्धारित है। सरकार तथा निर्वाचन आयोग—दोनों की नजर इस सुनवाई पर टिकी हैं। यदि न्यायालय से कोई अवरोध नहीं आता, तो सरकार की मंशा के अनुसार जुलाई में चुनाव कराए जा सकते हैं।

मानसून भी चुनौती, पर सरकार सजग

इसी बीच राज्य में मानसून की दस्तक भी हो चुकी है, जो पहाड़ी व दूरस्थ इलाकों में चुनावी व्यवस्थाओं को प्रभावित कर सकता है। आयोग इस मौसमीय चुनौती को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक तंत्र और जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ लगातर समन्वय कर रहा है। मतदान केन्द्रों की पहुंच, सुरक्षा व्यवस्था, बैलेट व ईवीएम की सुरक्षित ढुलाई जैसी व्यवस्थाओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

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आयोग कर रहा व्यापक मंथन

राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार—

  • आरक्षण सूची का परीक्षण करने के बाद आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी वर्ग अथवा क्षेत्र में प्रतिनिधित्व संबंधी कानूनी एवं संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन न हो।
  • सभी 12 जनपदों की प्रस्तावित चुनावी तिथियों का समन्वय स्थानीय पर्व‑त्योहार, स्कूल परीक्षाओं, मौसमी परिस्थितियों और सुरक्षा‑बलों की उपलब्धता से मिलान कर तय किया जाएगा।
  • सरकार द्वारा भेजे जाने वाले चुनाव कार्यक्रम के प्रारूप का आकलन कर आवश्यक सुझाव दिये जाएंगे, ताकि अधिसूचना जारी करते समय किसी प्रकार का प्रशासनिक या कानूनी व्यवधान न रहे।

अधिसूचना के बाद शुरू होगी नामांकन प्रक्रिया

अधिसूचना जारी होते ही प्रत्याशियों के नामांकन, वापसी, मतदान व मतगणना की तिथियों का विस्तृत कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही पंचायतों में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। विभागीय स्तर पर पहले से निर्देश हैं कि अधिसूचना के 24 घंटे के भीतर जिला व ब्लॉक कार्यालयों में नामांकन कक्ष, जांच टीम, स्क्रूटनी सेल और शिकायत प्रकोष्ठ सक्रिय कर दिए जाएं।

निष्कर्ष

सभी प्रशासनिक प्रक्रियाएं लगभग पूरी हो चुकी हैं, शेष है तो केवल राज्य निर्वाचन आयोग की अंतिम मुहर। हाईकोर्ट की 23 जून की सुनवाई और मानसून की चुनौती को ध्यान में रखते हुए आयोग जल्द ही विस्तृत चुनाव कार्यक्रम जारी करेगा। प्रदेश के लाखों ग्रामीण मतदाता अब औपचारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं, ताकि लोकतंत्र के सबसे निचले पायदान पर नेतृत्व चुनने की प्रक्रिया आरंभ हो सके।

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