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शिमला में भीषण गर्मी का असर: पंखे-AC की डिमांड रिकॉर्ड स्तर पर, सैलानी भी हुए निराश

शिमला, हिमाचल प्रदेश – हिमाचल की राजधानी शिमला, जो अब तक अपनी ठंडी वादियों और ठहरती हवाओं के लिए पहचानी जाती थी, अब भीषण गर्मी की चपेट में आ चुकी है। जून के शुरुआती हफ्तों में ही शहर का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जिसने यहां के स्थायी निवासियों के साथ-साथ गर्मी से राहत की उम्मीद लेकर आने वाले पर्यटकों को भी हैरान कर दिया है।

अब ठंडी शिमला में भी गर्मी का कहर

शिमला में आमतौर पर पंखों की जरूरत नहीं पड़ती थी, और यहां के होटलों और घरों में पंखे या एयर कंडीशनर की व्यवस्था नहीं होती थी। लेकिन इस बार गर्मी ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। दिन के साथ-साथ रातें भी गर्म हो रही हैं, जिससे लोग बेचैन और परेशान हो रहे हैं। तापमान में हुई इस अचानक वृद्धि के कारण शहर में अब पंखों और AC की मांग तेजी से बढ़ रही है।

पंखों की बिक्री में रिकॉर्ड इजाफा

शिमला शहर के इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों के मुताबिक, पहले जहां पंखे दुकान में शो-पीस की तरह रखे जाते थे, अब हर दिन करीब 100 से ज्यादा पंखे बिक रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि अब उन्हें ग्राहकों की एडवांस बुकिंग लेनी पड़ रही है, क्योंकि अचानक बढ़ी डिमांड के कारण स्टॉक कम पड़ गया है। टेबल फैन, स्टैंडिंग फैन और दीवार पर लगने वाले फैन की मांग सबसे ज्यादा है।

होटलों में AC की मांग, ऑर्डर बुकिंग शुरू

शहर के लोअर बाजार और अन्य प्रमुख क्षेत्रों के होटल मालिकों ने अब पहली बार एसी लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। होटल इंडस्ट्री जो अब तक प्राकृतिक ठंडक को ही अपनी खासियत मानती थी, अब तेज गर्मी के चलते इलेक्ट्रॉनिक कूलिंग पर निर्भर होने लगी है। कई होटल व्यवसायियों और रियल एस्टेट डेवेलपर्स ने एसी की एडवांस बुकिंग शुरू कर दी है और दुकानदारों ने कई कंपनियों को ऑर्डर भी दे दिए हैं।

पर्यटक भी गर्मी से परेशान

गर्मी से राहत की उम्मीद लेकर शिमला पहुंचने वाले सैलानी भी अब निराश नजर आ रहे हैं। जहां पहले शिमला की ठंडी वादियों में गर्मी का नामोनिशान नहीं होता था, वहीं अब सूरज की किरणें त्वचा को झुलसाने लगी हैं। खुले आसमान के नीचे घूमने की बजाय सैलानी अब होटल के कमरों में ही ठंडक ढूंढते दिख रहे हैं।

निष्कर्ष

शिमला, जो कभी ठंड का पर्याय माना जाता था, अब जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के असर से अछूता नहीं रहा। पहली बार शहर में पंखों और एसी की बेतहाशा मांग देखी जा रही है। स्थानीय व्यापारी, होटल मालिक और पर्यटक – सभी के लिए यह बदलाव अप्रत्याशित और चुनौतीपूर्ण है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही हालात बने रहे तो आने वाले समय में शिमला की पारंपरिक पहचान को बचाना मुश्किल हो जाएगा। फिलहाल, लोग परंपरागत उपायों और आधुनिक कूलिंग डिवाइसेस के सहारे गर्मी से राहत पाने की कोशिश में लगे हुए हैं।

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