बकाया टैक्स और बिल न जमा करने पर चुनाव लड़ने से रोक, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए सख्त नियम

हरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। इन नियमों के तहत यदि किसी उम्मीदवार पर नगर निगम या नगर पालिका का बकाया टैक्स या पानी का बिल लंबित है, तो वे चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

मुख्य बिंदु:
- बकाया टैक्स या बिल वालों पर रोक:
- जिन उम्मीदवारों पर नगर निगम, नगर पालिका का हाउस टैक्स, कॉमर्शियल टैक्स, या जल संस्थान का पानी का बिल एक साल से अधिक लंबित होगा, उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- बकाया राशि का तुरंत भुगतान करना अनिवार्य होगा।
- आपराधिक मामलों में भी सख्ती:
- जिन व्यक्तियों को किसी अपराध में दोषी ठहराया गया है और दो या अधिक वर्षों की सजा हुई है, वे सजा पूरी होने के बाद पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
- भ्रष्टाचार या राजद्रोह के मामलों में पद से हटाए गए व्यक्ति को हटाए जाने की तारीख से छह साल तक चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं होगी।
- पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर:
- इन नियमों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और उम्मीदवारों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
- उम्मीदवारों को अपनी दावेदारी से पहले सभी वित्तीय और कानूनी दायित्वों को पूरा करना होगा।
- उम्मीदवारों को सतर्क रहने की जरूरत:
- उम्मीदवारों को सुनिश्चित करना होगा कि उनके नाम पर कोई बकाया या लंबित मामला न हो।
- चुनाव में भाग लेने के लिए सभी वित्तीय और कानूनी रिकॉर्ड्स को अद्यतन रखना होगा।
निष्कर्ष:
राज्य निर्वाचन आयोग के इन सख्त नियमों का उद्देश्य निकाय चुनावों को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है। उम्मीदवारों को अपने सभी लंबित दायित्वों को समय पर पूरा करना होगा, अन्यथा चुनाव लड़ने का उनका सपना अधूरा रह सकता है।