नए साल से पहले ISRO ने रचा इतिहास, स्पैडेक्स की सफल लॉन्चिंग करने वाला चौथा देश बना भारत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2025 की शुरुआत से पहले एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इसरो ने अपने PSLV-C60 SpaDeX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। इस सफलता के साथ भारत दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया है, जिसके पास अंतरिक्ष में डॉकिंग करने की उन्नत तकनीक है। इससे पहले यह तकनीक केवल रूस, अमेरिका और चीन के पास थी।

SpaDeX मिशन की मुख्य बातें:
- मिशन का महत्व:
- स्पैडेक्स तकनीक के जरिए अंतरिक्ष में दो उपग्रहों की डॉकिंग और अनडॉकिंग की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।
- यह मिशन भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण और भविष्य के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
- उपग्रहों का परिचय:
- इस मिशन में दो उपग्रह, चेजर और टारगेट का इस्तेमाल किया गया है।
- इनका वजन लगभग 220 किलोग्राम है।
- इन्हें 470 किमी की ऊंचाई पर 55 डिग्री झुकाव वाली वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया है।
- डॉकिंग और अनडॉकिंग:
- डॉकिंग का मतलब है दो अंतरिक्ष यानों को आपस में जोड़ना।
- अनडॉकिंग का अर्थ है अंतरिक्ष में रहते हुए उन्हें अलग करना।
- इस तकनीक का परीक्षण भविष्य में अंतरिक्ष अभियानों के लिए बेहद उपयोगी होगा।
चंद्रयान-4 मिशन के लिए महत्वपूर्ण:
- SpaDeX मिशन की सफलता भारत के चंद्रयान-4 मिशन के लिए आधारशिला है।
- चंद्रयान-4 मिशन के तहत चंद्रमा की सतह से मिट्टी के सैंपल लाकर पृथ्वी पर अध्ययन के लिए भेजे जाएंगे।
- यह मिशन 2028 में लॉन्च किया जा सकता है।
भारत का अंतरिक्ष स्टेशन:
- भारत 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है।
- SpaDeX मिशन इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
डॉकिंग तकनीक का महत्व:
- साझा अंतरिक्ष मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए डॉकिंग तकनीक आवश्यक है।
- यह तकनीक अंतरिक्ष अभियानों को अधिक कुशल और प्रभावी बनाती है।
निष्कर्ष:
SpaDeX मिशन की सफलता ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष ताकतों की सूची में और मजबूती से खड़ा कर दिया है। यह मिशन न केवल इसरो की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में नए आयाम जोड़ने की क्षमता को भी साबित करता है।