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सोलन में 7.8 तीव्रता के भूकंप पर मॉक ड्रिल, प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों का किया परीक्षण

सोलन, हिमाचल प्रदेश
सोलन जिले में बुधवार को 7.8 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप का एक मॉकड्रिल आयोजित किया गया, जिसने शहर के नागरिकों को आपदा की गंभीरता का वास्तविक अनुभव दिया। हालांकि यह भूकंप वास्तविक नहीं था, लेकिन इसका आयोजन प्रदेश भर में आपदा प्रबंधन क्षमता का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से किया गया था। इस मेगा मॉकड्रिल के माध्यम से जिला प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति में बचाव, राहत और समन्वय तंत्र की कार्यप्रणाली की गंभीरता से समीक्षा की।

इस भूकंप आधारित मेगा मॉकड्रिल की शुरुआत जिला के धर्मपुर क्षेत्र के समीप काल्पनिक रूप से रिक्टर स्केल पर 7.8 तीव्रता का भूकंप आने की सूचना से हुई। यह ड्रिल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA), जिला प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों के सहयोग से आयोजित की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्यों की वास्तविक समय में परीक्षण करना था।

मॉक ड्रिल में बताई गई प्रमुख घटनाएं

ड्रिल के दौरान सोलन जिले के विभिन्न हिस्सों से काल्पनिक आपदा से जुड़ी गंभीर सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें शामिल थीं:

  • क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में भवन ध्वस्त होने की सूचना।
  • कसौली उपमंडल के चक्कीमोड़ के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन की स्थिति।
  • सेंट ल्यूक्स स्कूल, सोलन में भवन गिरने से विद्यार्थियों के फंसे होने की जानकारी।
  • उपमंडल अर्की के नागरिक अस्पताल में इमारत क्षतिग्रस्त होने की सूचना।
  • शारदा पुल के पास ढांचागत नुकसान और यातायात बाधित होने की स्थिति।
  • नालागढ़ के नागरिक अस्पताल में भवन को नुकसान।
  • एचपीसीएल ऑयल डिपो, खेड़ा में गैस रिसाव की सूचना।

इन सभी घटनाओं का उद्देश्य यह था कि आपातकालीन सेवाएं कैसे, कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देती हैं।

प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया

ड्रिल की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, अग्निशमन सेवाएं, और एनडीआरएफ की टीमों ने तुरंत अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया। घायलों की पहचान कर उन्हें पास के अस्पतालों में प्राथमिक उपचार और आवश्यक चिकित्सा सहायता पहुंचाई गई। भूस्खलन और भवन गिरने जैसी आपदाओं पर मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए मशीनरी और मानव बल को सक्रिय किया गया।

आपदा से निपटने की तैयारी का अभ्यास

यह मॉकड्रिल न केवल प्रशासनिक तंत्र की आपदा प्रबंधन क्षमता को परखने का जरिया थी, बल्कि आम जनता को भी सजग रहने और आपदा के समय की जाने वाली तैयारियों के प्रति जागरूक करने का प्रयास था। लोगों को बताया गया कि भूकंप जैसी आपदा की स्थिति में घबराने की बजाय क्या करना चाहिए – जैसे खुले स्थान में जाना, बिजली उपकरणों से दूर रहना, और सुरक्षित निकासी के रास्तों का पालन करना।

निष्कर्ष

सोलन में आयोजित यह मेगा मॉकड्रिल आपदा प्रबंधन की दिशा में एक सराहनीय कदम रहा। इससे प्रशासन को कमियों की पहचान करने और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करने में मदद मिलेगी। भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने के लिए इस तरह के अभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सोलन जिला प्रशासन की यह पहल आपदा के प्रति संवेदनशीलता और तत्परता का प्रतीक है।

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