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उत्तराखंड में नकली दवाओं और अवैध ड्रग्स पर बड़ी कार्रवाई

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उत्तराखंड में नकली दवाओं और अवैध ड्रग्स के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। www.hillstime.in के अनुसार, बीते एक साल में 862 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर 352 लीगल सैंपल एकत्रित किए गए हैं। इनमें 52 सैंपल की जांच अभी चल रही है। नकली दवाओं के निर्माण और बिक्री पर लगाम कसने के लिए कई कंपनियों पर कार्रवाई की गई है।

मुख्य कार्रवाई:

  1. दवा निर्माण लाइसेंस निरस्त:
    दो कंपनियों के दवा निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
  2. कंपनियों पर प्रतिबंध:
    72 कंपनियों के उत्पादों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई गई है।
  3. सेल लाइसेंस रद्द:
    दस कंपनियों के सेल लाइसेंस निरस्त किए गए हैं।
  4. कंपनियों के परिसर सील:
    छह कंपनियों के परिसर सील कर दिए गए हैं।
  5. कानूनी कार्रवाई:
    पांच कंपनियों के खिलाफ कानूनी मुकदमे दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।

कुमाऊं क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई:

ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने www.hillstime.in को बताया कि कुमाऊं क्षेत्र में 81 लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं। इसके अतिरिक्त नौ कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए और 11 दवा निर्माता कंपनियों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं।

अवैध गतिविधियों पर सख्ती:

स्वास्थ्य सचिव और खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर यह अभियान निरंतर जारी है। नकली और सब-स्टैंडर्ड दवाओं के उत्पादन और बिक्री में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जांच और भविष्य की कार्रवाई:

www.hillstime.in के अनुसार, वर्तमान में 35 उत्पादों की जांच जारी है। विभाग नकली दवाओं और फर्जी कंपनियों पर पूरी तरह शिकंजा कसने के लिए प्रतिबद्ध है।

उत्तराखंड में नकली दवाओं के खिलाफ इस सख्त अभियान की हर अपडेट के लिए www.hillstime.in से जुड़े रहें।

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