सोलन में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी

सोलन: जिला प्रशासन ने सोलन शहर में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अपनी मुहिम तेज कर दी है। सोमवार को एसडीएम सोलन डॉ. पूनम बंसल के नेतृत्व में नगर निगम की टीम ने सोलन के मालरोड और अन्य मुख्य बाजारों का निरीक्षण किया। इस दौरान दुकानों के बाहर रखे अवैध सामान और वाहनों को हटवाया गया। प्रशासन की टीम जैसे ही मौके पर पहुंची, दुकानदारों में हलचल मच गई और कई व्यापारियों ने तुरंत अपना सामान अंदर खींच लिया।
मुख्य बाजारों में की गई सख्त कार्रवाई
प्रशासन ने मालरोड के अलावा गंज बाजार, चौक बाजार, लक्कड़ बाजार और अपर बाजार में भी कार्रवाई की। टीम ने सार्वजनिक स्थानों पर रखे गए सामान और सड़क पर बढ़े हुए छज्जों को हटाने का अल्टीमेटम दिया। इस दौरान सड़क की माप-जोख भी की गई और नक्शे के अनुसार कार्रवाई की गई। एसडीएम सोलन ने स्पष्ट किया कि भविष्य में यदि अवैध अतिक्रमण पाया गया, तो और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
अभियान पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया
प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद बाजार में चर्चा का माहौल गर्म है। जहां कुछ लोग इस कदम को सराहते हुए इसे शहर की सफाई और सुंदरता के लिए जरूरी बता रहे हैं, वहीं कुछ व्यापारी इससे नाराज हैं। राहगीरों ने बाजार को अतिक्रमण मुक्त देखकर खुशी जताई और प्रशासन से ऐसे अभियान जारी रखने की अपील की।
व्यापार मंडल ने बुलाई आपात बैठक
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद व्यापार मंडल सोलन ने सोमवार देर शाम एक आपात बैठक बुलाई। व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन की सख्ती से छोटे व्यापारियों की रोजी-रोटी पर असर पड़ रहा है। बैठक में आगामी रणनीति पर चर्चा की गई और प्रशासन से संवाद स्थापित करने की योजना बनाई गई। व्यापार मंडल ने सभी व्यापारियों से सुझाव साझा करने की अपील की है।
सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ हो सख्ती
व्यापारी मुकेश गुप्ता ने कहा कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि यह सभी के लिए असुविधाजनक है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के कारण सड़कों पर वाहन और पैदल यात्री दोनों को परेशानी होती है। ऐसी कार्रवाई से न केवल शहर का सौंदर्य बढ़ेगा बल्कि सार्वजनिक स्थानों पर व्यवस्था भी बनी रहेगी।
निष्कर्ष
सोलन में प्रशासन का यह कदम शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने और जनसुविधा को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है। हालांकि, इसे लेकर व्यापारियों और प्रशासन के बीच संवाद जरूरी है ताकि संतुलन बनाए रखा जा सके।
स्रोत: www.hillstime.in