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कालका-शिमला NH-5 टोल बैरियर बना ट्रैफिक जाम का कारण, स्थानांतरण की फिर उठी मांग

कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 (NH-5) पर स्थित हिमाचल प्रदेश प्रवेश टोल बैरियर एक बार फिर सुर्खियों में है। यह टोल प्वॉइंट ट्रैफिक जाम, असुविधा और प्रबंधन की कमी के कारण लोगों की परेशानी का कारण बना हुआ है। खासकर वीकेंड, पर्यटक सीजन और औद्योगिक यातायात के दौरान यहां लंबा ट्रैफिक जाम लगना आम हो गया है। यह टोल बैरियर दो लेन की संकरी सड़क पर बना हुआ है, जिसमें एक लेन कालका से शिमला और दूसरी शिमला से कालका की ओर जाती है।

फास्टैग लागू नहीं, मैन्युअल टैक्स वसूली से ट्रैफिक बढ़ा

भले ही फास्टैग प्रणाली लागू करने की घोषणा की जा चुकी हो, लेकिन अभी तक फास्टैग स्कैनर पूरी तरह से सक्रिय नहीं हैं। इस वजह से मैन्युअल पर्चियों के माध्यम से टैक्स वसूली की जा रही है, जिससे प्रति वाहन 2 से 5 मिनट का समय लग रहा है। वीकेंड या टूरिस्ट सीजन में यह प्रक्रिया लंबी कतारों और गंभीर ट्रैफिक जाम में बदल जाती है, जिससे स्थानीय निवासी, पर्यटक, स्कूली वाहन और आपातकालीन सेवाएं सभी प्रभावित हो रही हैं।

टोल दरें बढ़ीं, सुविधाएं नहीं

स्वर्णिम हिमाचल जन जागरण समिति के वरिष्ठ सलाहकार बंसी बाबा ने बताया कि सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से टोल दरों में बढ़ोतरी कर दी है, लेकिन सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हुआ। जनता सवाल उठा रही है कि जब शुल्क बढ़ाया गया है, तो फिर सुविधाएं और ट्रैफिक मैनेजमेंट क्यों जस का तस बना हुआ है? इससे लोगों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है।

नीतिगत निर्णय का इंतजार

सरकार ने फरवरी 2025 में घोषणा की थी कि प्रदेश के 55 टोल बैरियरों को फास्टैग आधारित प्रणाली में लाया जाएगा, जिसमें परवाणू टोल बैरियर भी शामिल है। लेकिन आज भी यह कार्य अधूरा है। आम नागरिक और उद्योग क्षेत्र चाहते हैं कि इस योजना को तुरंत लागू किया जाए ताकि यातायात में सुधार हो और लोगों को राहत मिले।

टोल स्थानांतरण की पुरानी मांग फिर हुई तेज

परवाणू उद्योग संघ के महासचिव सार्थक तनेजा ने एक बार फिर टोल बैरियर को टिपरा स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि टिपरा में एक्साइज विभाग की अपनी भूमि है, जहां सड़क की चौड़ाई अधिक है और 3–4 लेन बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया कि टोल बैरियर पर कम से कम चार लेन, पूरी तरह फास्टैग आधारित प्रणाली, आपातकालीन वाहनों के लिए फ्री-पास लेन, और वीकएंड ट्रैफिक के लिए विशेष प्रबंधन किया जाए।

निष्कर्ष

कालका-परवाणू शिमला एनएच-5 का यह टोल बैरियर अब सुविधा के बजाय असुविधा का प्रतीक बन चुका है। सरकार और प्रशासन से अपील है कि वे इस मुद्दे को प्राथमिकता दें और जल्द से जल्द व्यावहारिक समाधान लागू करें, ताकि यातायात सुचारू हो सके और आमजन को राहत मिले।


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