सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद को देश छोड़कर भागना पड़ा, विद्रोहियों का दमिश्क पर कब्जा

सीरिया में बशर अल असद के 24 साल और उनके परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया है। 8 दिसंबर 2024 को एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में, बशर अल असद को राजधानी दमिश्क छोड़कर अज्ञात स्थान पर भागना पड़ा। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दो वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के हवाले से दी।
दमिश्क पर विद्रोहियों का कब्जा
असद के भागने की खबर तब आई, जब विद्रोही समूहों ने दावा किया कि वे राजधानी दमिश्क में प्रवेश कर चुके हैं। सरकार की सेना उनकी चुनौती का सामना करने में असमर्थ दिखी। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति असद IL-76T विमान के जरिए राजधानी छोड़कर निकल गए। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने रूस की शरण ली है या ईरान की।

सीरिया के गृहयुद्ध की पृष्ठभूमि
बशर अल असद ने 2000 में अपने पिता हाफिज अल असद की मृत्यु के बाद सीरिया की सत्ता संभाली। उनके शासनकाल में 2011 में सीरिया में गृहयुद्ध की शुरुआत हुई। यह विरोध प्रदर्शन लोकतांत्रिक सुधारों की मांग को लेकर शुरू हुआ था, लेकिन असद सरकार की सैन्य कार्रवाई के कारण यह एक बड़े विद्रोह में बदल गया।
गृहयुद्ध के दौरान विद्रोही समूहों, जिहादी संगठनों और असद समर्थक बलों के बीच भीषण संघर्ष हुआ। रूस, ईरान और हिज़बुल्लाह ने असद का समर्थन किया, जबकि पश्चिमी देशों और क्षेत्रीय शक्तियों ने विद्रोहियों का साथ दिया। इस संघर्ष में लाखों लोग मारे गए और करोड़ों लोग शरणार्थी बने।
2024 में हालात क्यों बिगड़े
2024 में विद्रोही समूहों ने तेजी से सीरिया में अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी। हयात तहरीर अल-शाम (HTS) जैसे संगठनों ने सरकार के नियंत्रण वाले शहरों पर हमले किए। 2023 के नवंबर से शुरू हुए बड़े आक्रमण ने 2024 के दिसंबर तक दमिश्क को पूरी तरह से घेर लिया। इस दौरान असद सरकार के लिए अपनी सत्ता बचाना मुश्किल हो गया।
असद के भागने के कारण
- विद्रोही हमले: विद्रोही समूहों ने दमिश्क सहित प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया।
- रूस और ईरान का कमजोर समर्थन: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रूस असद को पूरी तरह समर्थन नहीं दे पाया। ईरान और हिज़बुल्लाह की सीमित संसाधनों ने उनकी मदद कम कर दी।
- असद के सहयोगियों की हार: असद के समर्थक बल विद्रोहियों के हमलों को रोकने में विफल रहे।
ईरान और हिज़बुल्लाह को झटका
बशर अल असद के भागने से ईरान और हिज़बुल्लाह की रणनीतियों पर गहरा असर पड़ सकता है। सीरिया ईरान के लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी था, जो अब विद्रोहियों के नियंत्रण में जा सकता है। हिज़बुल्लाह, जो सीरिया के माध्यम से सैन्य सप्लाई प्राप्त करता था, अब अपनी रणनीति में बदलाव करने के लिए मजबूर होगा।
सीरिया का भविष्य अनिश्चित
बशर अल असद के सत्ता छोड़ने और विद्रोहियों के दमिश्क पर कब्जे के बाद सीरिया का भविष्य अनिश्चित है। गृहयुद्ध में दशकों तक जूझने के बाद यह देश अब नए संकट की ओर बढ़ रहा है।