#Himachal

नालागढ़ में पहली बारिश में ही ढही नव निर्मित सड़क़, निर्माण गुणवत्ता पर उठे गंभीर सवाल

नालागढ़।
हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक शहर नालागढ़ में नगर परिषद द्वारा हाल ही में बनाई गई नव निर्मित सड़क पहली ही बारिश में बर्बाद हो गई। अस्पताल मार्ग पर लगभग छह लाख रुपये की लागत से बनाई गई यह टाइल और कंकरीट युक्त सड़क भारी बारिश नहीं झेल सकी और उसकी परतें जगह-जगह से उखड़ गईं। इससे न केवल क्षेत्र के स्थानीय दुकानदारों में भारी रोष है, बल्कि नगर परिषद की निर्माण गुणवत्ता पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।

सड़क बनी, लेकिन ज्यादा दिन नहीं टिकी

नालागढ़ बाजार स्थित अस्पताल मार्ग पर यह सड़क नगर परिषद द्वारा जनता को कुछ ही दिनों पहले समर्पित की गई थी। सड़क के बीचोबीच नाला होने के कारण वहां कंकरीट डाला गया था, जबकि दोनों किनारों पर टाइलें लगाई गई थीं। लेकिन पहली ही बारिश के बाद सड़क की हालत इतनी खराब हो गई कि कंकरीट दरक गया और टाइलें उखड़ गईं। एक स्थान पर तो पूरी टाइलें धंसकर गड्ढे का रूप ले चुकी हैं।

पहले भी जताई गई थी नाराजगी

स्थानीय दुकानदारों ने पहले निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने उड़ती धूल-मिट्टी और घटिया सामग्री की शिकायत नगर परिषद से की थी। इस पर परिषद ने ठेकेदार को दोबारा सड़क बनाने के निर्देश दिए। ठेकेदार ने दूसरी बार काम जरूर किया, लेकिन नतीजा वही रहा – सड़क पहली ही बारिश में फिर से टूट गई।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि इतनी जल्दी सड़क का उखड़ना यह दर्शाता है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता से गंभीर समझौता किया गया है। एक दुकानदार ने कहा, “दो बार सड़क बनाई गई, लेकिन दोनों बार नतीजा एक जैसा ही रहा। यह सरकारी धन की बर्बादी और आम जनता के साथ धोखा है।”

नगर परिषद ने मांगा ठेकेदार से जवाब

नगर परिषद नालागढ़ का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में लाया गया है और ठेकेदार से जवाब मांगा गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्माण कार्य की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

गुणवत्ता नियंत्रण की मांग

यह मामला स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। आम जनता अब नगर परिषद से सख्त कदम उठाने की मांग कर रही है ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही दोहराई न जा सके। छह लाख रुपये की लागत से बनी सड़क का इतनी जल्दी खराब होना जनता की मेहनत की कमाई के दुरुपयोग का प्रतीक बन चुका है।

निष्कर्ष:
नालागढ़ की यह घटना न केवल निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सरकारी सिस्टम की लापरवाही को भी उजागर करती है। यह आवश्यक है कि नगर परिषद दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे और भविष्य में निर्माण कार्यों की सख्त निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करे, ताकि जनता का विश्वास बना रहे।


SEO Keywords Included:

पहली बारिश में टूटी सड़क

नालागढ़ सड़क निर्माण

नव निर्मित सड़क बारिश में उखड़ी

नगर परिषद नालागढ़

नालागढ़ अस्पताल मार्ग

घटिया निर्माण कार्य

ठेकेदार की लापरवाही

सड़क की गुणवत्ता जांच

सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार

हिमाचल निर्माण विवाद

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *